मोदी सरकार की सोंच में ही खोट: कांग्रेस
पॉल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की सोंच में ही खोट है।
पटना : पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में आयोजित प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दलों ने महिला आरक्षण विधेयक को संसद के दोनों सदनों में इसलिए समर्थन दिया ताकि इसे 2024 के चुनाव से पहले लागू किया जा सके, लेकिन मोदी सरकार ने चालाकी की और इसे परिसीमन और जनगणना से जोड़ दिया एवं समाज के उपेक्षित और पिछड़े वर्गो की महिलाओं को इससे वंचित कर दिया। इसी बात का खुलासा करने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी ने यह फैसला लिया कि हर प्रदेश में अपना प्रवक्ता भेजकर मीडिया के माध्यम से लोगों को बताएं कि किस तरह यह छल किया गया।
इसी सिलसिले में पार्टी आलाकमान से कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुजाता पॉल के द्वारा आज प्रेस वार्ता आयोजित की गई। पॉल ने कहा कि महिला आरक्षण पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सोंच थीं जिन्होंने सबसे पहले पंचायती चुनाव में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात की। जिसे कांग्रेस के प्रधानमंत्री पी.वी.नरसिंम्हा राव ने 1992 में लागू की। जब यू.पी.ए. की मनमोहन सिंह सरकार ने एक वृहत बिल को 2010 में राज्यसभा में पारित करवाई तो उसे लोकसभा में गिरा दिया गया। उस बिल में एस.सी./एस.टी. के लिए उप कोटा शामिल किया गया था। मगर भाजपा के बड़े नेताओं जैसे अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण अडवाणी ने लोकसभा में विरोध किया जिसके कारण यह विधेयक वहां पारित नहीं हो सका।
पॉल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार की सोंच में ही खोट है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आरक्षण के नाम पर मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे धोखे को पूरे देश में उजागर करेगी और जबतक उनको उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलता उसके लिए संघर्ष करती रहेगी। सच पूछिए तो केन्द्र की मौजूदा मोदी सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण की बात करना बेइमानी और हास्यास्पद लगता है। जब कभी भी मोदीजी के मुंह से महिला सशक्तिकरण की बात सुनता हूं तो उनके कार्यकाल में महिला उत्पीड़न की लम्बी फेहरिस्त मेरे जेहन में दौड़ने लगती है। पॉल ने भाजपा शासन के दौरान महिलाओं पर हुए उत्पीड़न और अत्याचार की घटना को लेकर भाजपा को लताड़ा। उन्होंने कहा कि कठुआ में आठ साल की बच्ची के साथ लगातार सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या कर दी जाती है कोई कुछ नहीं बोलता।
देश की राजधानी दिल्ली में महिला पहलवान भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाकर महीनों धरने पर बैठती है। उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सैंगर द्वारा बलात्कार की घटना को अंजाम दिया जाता है और उसके परिवार के सदस्यों की हत्या कर दी जाती है। मगर बीजेपी सैंगर के घर पहुंचकर उसका महिमा मंडन करते हैं। भाजपा के पूर्व गृह मंत्री चिन्मयानन्द पर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगता है मगर सरकार चुप रहती है। हाथरस में दलित लड़की का बलात्कार होता है और उसके बाद हत्या कर दी जाती है। प्रशासन पीड़िता की लाश पर मिट्टी का तेल डालकर रात के अंधेरे में जला डालता है और केरल के जिस पत्रकार ने आवाज उठाया उसे तरह-तरह के केस में उलझाकर जेल में बंद कर दिया जाता है। इसी साल हिमाचल प्रदेश के एक भाजपा के पूर्व मंत्री का बेटा अपने होटल में काम करने वाली एक लड़की का बलात्कार करता है और फिर हत्या करवा देता है लेकिन कोई कुछ नहीं बोलता क्योंकि तब भाजपा की सरकार थी।
इस तरह जबसे मोदी सरकार केन्द्र की सत्ता में आसीन हुई है तबसे महिलाओं पर अत्याचार बेतहाशा बढ़ी है। संवाददाता सम्मेलन में विधान मंडल दल के नेता ड0 शकील अहमद खान, पूर्व मंत्री कृपानाथ पाठक, पूर्व विधायक नरेन्द्र कुमार, मीडिया चेयरमैन राजेश राठौड़, प्रदेश महिला काग्रेस अध्यक्ष शरबत जहां फातिमा उपस्थित थे।