न्यायालय के फैसले से राज्य सरकार की कार्यशैली संदेह के घेरे में : रालोजद
सिन्हा ने कहा कि यदि विवादित जमीन आवास बोर्ड की थी तो उसपर हो रहे निर्माण के दौरान आवास बोर्ड अथवा प्रशासन क्या सो रहा था?
पटना: राष्ट्रीय लोक जनता दल ने पटना के नेपाली नगर स्थित मकानों को तोड़ने के मामले में उच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि न्यायालय की टिप्पणी ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ई. शम्भूनाथ सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार के तानाशाही रवैये के कारण नेपाली नगर में रहने वाले सैकड़ों परिवारों ने न सिर्फ आतंक एवं भय के साये में अपनी जिंदगी गुजारी, बल्कि जीवनभर की अपनी जमा-पूंजी को भी गवां बैठे। क्या इसकी जिम्मेवारी सरकार लेगी?
सिन्हा ने कहा कि यदि विवादित जमीन आवास बोर्ड की थी तो उसपर हो रहे निर्माण के दौरान आवास बोर्ड अथवा प्रशासन क्या सो रहा था? प्रशासन द्वारा संपोषित माफियाओं ने जब जमीन को बेचा अथवा उस पर निर्माण कार्य शुरू हुआ तो उस समय सरकार क्या कर रही थी। यह दर्शाता है कि प्रशासन भी या तो पूरी तरह भ्रष्टाचार में लिप्त है अथवा राज्य सरकार का उस पर नियंत्रण खत्म हो चुका है। सरकार उन माफियाओं पर तो अंकुश नहीं लगा पाई मगर निर्दोष नागरिकों, यहां तक की महिलाओं और बच्चों पर भी रात के अंधेरे में भी अपनी ताकत का अमानवीय प्रयोग किया।
सिन्हा ने कहा कि न्यायालय की टिप्पणी यह भी साबित करती है कि सरकार की प्रवृत्ति बिना किसी ठोस आधार के नागरिकों पर जुल्म ढाने की हो चुकी है। जिसके कारण न्यायालयों में उसे मुंहकी खानी पड़ रही है। वह चाहे शराबबंदी का मामला हो या जातीय गणना जैसा संवेदनशील मुद्दा।