Patna News: लू से बचाव एवं गर्मी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए विभाग अलर्टः मंगल पांडेय

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

 स्वास्थ्य संस्थानों में क्षमतानुसार होंगे 5 डेडिकेटेड बेड

Department alert for protection from heat wave Bihar news in hindi
Department alert for protection from heat wave Bihar news in hindi

Patna News In Hindi: पटना, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण गर्मी में स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव हो सकता है। इस लिहाज से गर्मी से होने वाली बीमारियों की सतत निगरानी भी आवश्यक है। गर्मी से होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों के लिए हेल्थ एडवाइजरी जारी की गयी है।

एडवाइजरी के तहत गर्मी का महीना शुरु होने के पहले ही गर्मी से प्रभावित मरीजों से निपटने की विस्तृत कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चे,गर्भवती महिला,वरिष्ठ नागरिक के बीच हीट रिलेटेड इलनेस केस को मैनेज के लिए विशेष जागरूकता कैंप भी लगाए जाएगें।  यह हेल्थ एडवाइजरी सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं सभी जिला स्वास्थ्य समिति के लिए तैयार किया गया है। इस हेल्थ एडवाइजरी को नेशनल एक्शन प्लान ऑन  हीट रिलेटेड इलनेस के ऊपर तैयार किया गया है।

पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों में क्षमतानुसार हीट स्ट्रोक मरीजों के लिए 5 डेडिकेटेड बेड बनाए जाएगें। हीट वेव मैनेजमेंट के लिए रैपिड रिस्पांस टीम का गठन, रोस्टर वाइज स्वास्थ्य कर्मियों की व्यवस्था पर बल दिया जाएगा।

इसके अलावा सभी जिला अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य संस्थानों में गर्मी एवं हीट वेव की संभावना के मद्देनजर वार्डों में आवश्यकतानुसार एसी, फैन, कूलर, पीने का ठंडा पानी के साथ ही ऑक्सीजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। वहीं प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थानों में एक ओआरएस कॉर्नर की स्थापना भी की जाएगी।

आवश्यक दवाओं एवं उपकरणों में एंटीडायरियल मेडिसिन,आइस पैक, रेक्टल थर्मामीटर,पोर्टेबल बाथटब, आइस मेकर,ओआरएस पैकेट सहित अन्य आवश्यक चीजें मौजूद होंगी। ओपीडी में आने वाले मरीजों में हीट वेव से ग्रसित होने जैसे लक्षण दिखने पर उनकी जांच की जाएगी। जनमानस में हीट वेव एवं गर्मी से बचाव के लिए क्या करें व क्या न करें जैसी आवश्यक जागरूकता भी फैलाई जाएगी।

पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों द्वारा गर्मी से संबंधित बीमारी से प्रभावित मरीजों को पर्याप्त प्राथमिक उपचार प्रदान किया जाएगा । आवश्यकता अनुसार गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल से रेफरल लिंक स्थापित कर गंभीर मरीजों को वहां रेफर किया जा सकेगा । रेफरल के दौरान 102 एम्बुलेंस में हीट से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएगें। गर्मी से प्रभावित मरीजों के बचाव के लिए फिजीशियन, शिशु रोग विशेषज्ञों तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारियों को आवश्यक क्लीनिकल प्रशिक्षण दिए जा चुके हैं। हीट वेव के लक्षणों में डिहाइड्रेशन,ब्रेन स्ट्रोक,हेडेक जैसे लक्षण उभर सकते हैं।