विपक्षी एकता की होगी करारी शिकस्त, पीएम मोदी को मात देना असंभवः मंगल पांडेय
पांडेय ने कहा कि सपा भी यूपी में जनाधार खो चुकी है।
Patna; पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि केवल दो-तीन राज्यों की क्षेत्रीय पार्टियों का जुटान विपक्षी एकता नहीं हो सकती। हमारा देश बहुत बड़ा है। लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय पार्टियां नहीं बल्कि राष्ट्रीय पार्टियों की भूमिका अहम होती है। ऐसे में हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की व्यक्तित्व और विकास की छवि के सामने टिकना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है। देश में बीजेपी और कांग्रेस दो प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियां है। मगर कांग्रेस की आज गिरती लोकप्रियता व घटता जनाधार, पार्टी के भीतर ही अंतर्कलह पैदा कर चुका है। नतीजतन कांग्रेस के कई दिग्गज बीजेपी में अपनी आस्था प्रकट कर चुके हैं।
पांडेय ने कहा कि बंगाल की सीएम ममता बनर्जी व उनकी तृणमूल पार्टी कांग्रेस विरोध की जननी रही है। कुछ दिन पूर्व तृणमूल ने बंगाल में अपनी परंपरागत विधानसभा सीट सागरदिघी उपचुनाव में गंवा दी और कांग्रेस भारी मतों से जीत गयी। इस चुनाव में वामदल व कांग्रेस का गठजोड़ था। परिणाम बाद ममता दीदी वामदल व कांग्रेस दोनों पर हमलावर हुई। राज्य में आमने- सामने और केंद्र में एक साथ यह असंभव है। ममता दीदी ने सीएम नीतीश कुमार के सामने मीडिया से यह भी कह दिया कि विपक्षी एकता की एक बड़ी बैठक जेपी की धरती यानी बिहार में होनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को नकार दिया।
पांडेय ने कहा कि सपा भी यूपी में जनाधार खो चुकी है। वहां अपराधीकरण का श्रेय उसे जाता है। आम आदमी पार्टी भी आबकारी घोटाले में संघर्ष कर रहा है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उद्धव गुट भी महाराष्ट्र में सत्ता गंवा चुके हैं। शरद पवार भी अपने गठबंधन से अलग एनडीए के पक्ष में बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे में विपक्षी एकता की हवा निकल जाएगी।