बिहार : 23 जिलों में शहरी स्थानीय निकाय चुनाव के तहत मतदान जारी
पटना नगर निगम (पीएमसी) उन 17 नगर निगमों, दो नगर परिषदों और 49 नगर पंचायतों में शामिल है, जहां बुधवार को चुनाव हो रहा है।
पटना : बिहार में नगरपालिका चुनाव के तहत बुधवार सुबह से 23 जिलों में कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान जारी है। सुबह सात बजे शुरू हुआ मतदान शाम पांच बजे समाप्त होगा। राज्यपाल फागू चौहान ने पटना राजभवन परिसर में मध्य विद्यालय स्थित मतदान केंद्र पर वोट डाला। मतदान केंद्र से बाहर निकलने के बाद मीडियाकर्मियों से बात करते हुए राज्यपाल ने कहा कि सभी मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।
पटना नगर निगम (पीएमसी) उन 17 नगर निगमों, दो नगर परिषदों और 49 नगर पंचायतों में शामिल है, जहां बुधवार को चुनाव हो रहा है। राज्य चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नतीजे 30 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे।
अधिकारी के मुताबिक, बुधवार को पटना, गया, आरा, पूर्णिया, भागलपुर और मुजफ्फरपुर सहित कुल 23 जिलों के 1,529 वार्डों में 61,94,826 मतदाताओं के अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने की उम्मीद है।
पटना की पूर्व मेयर सीता साहू और रेशमी चंद्रवंशी पीएमसी में क्रमशः मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं।
आयोग ने मतदान के लिए विस्तृत व्यवस्था की है, जिसमें 23 जिलों में 7,088 मतदान केंद्रों और 286 मोबाइल मतदान केंद्रों पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि सभी मतदान केंद्रों से वेबकास्टिंग की जा रही है।
इस बीच, नगर निकाय चुनाव में आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जुबानी जंग जारी है।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर अदालत के एक फैसले से संबंधित खबर को टैग करते हुए ट्वीट किया, “भाजपा का आरक्षण विरोधी चेहरा उजागर हो गया है। भाजपा शासित राज्यों में आरक्षण का यही हश्र है। बिहार में नीतीश कुमार जी ने साबित कर दिया है कि उनके रहते आरक्षण व्यवस्था से कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता। अतिपिछड़ा आरक्षण व्यवस्था के साथ बिहार में नगर निकाय चुनाव संपन्न हो रहा है।”
उन्होंने आगे लिखा, “सर्वोच्च न्यायालय गए बिना नीतीश कुमार जी समय पर अति पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण व्यवस्था के साथ चुनाव संपन्न करवा रहे हैं। जबकि, अति पिछड़ा आरक्षण समाप्त करवाने और चुनाव रुकवाने के लिए भाजपा ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा तक खटखटाने की साजिश, रची लेकिन असफल रही।”
सिंह ने आरोप लगाया, “बिहार में भाजपाई साजिश नाकाम हुई, उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बेनकाब। स्पष्ट है कि इनके नेता नरेंन्द्र मोदी जी का पिछड़ा चेहरा बनावटी और केवल दिखावा है।”
उन्होंने कहा, “बिहार-यूपी के बाद अब तो देशभर में भाजपा और नरेंन्द्र मोदी जी का आरक्षण विरोधी चेहरा बेनकाब हो ही गया।”
वहीं, बिहार में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर सिंह को सलाह दी कि वह उत्तर प्रदेश की चिंता न करें और राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव नहीं होगा।
सुशील मोदी ने कहा, “योगी सरकार ओबीसी आरक्षण के लिए ही उच्चतम न्यायालय का रुख कर रही है। नरेंन्द्र मोदी के रहते कोई आरक्षण खत्म नहीं कर सकता।”
भाजपा नेता की सलाह पर पलटवार करते हुए सिंह ने कहा, “सुशील जी, यूपी की चिंता क्यों न करें। बिहार में नगर निकाय चुनाव में अति पिछड़े वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने का षड्यंत्र रचते वक्त दिए अपने बयानों का अध्ययन किजिए।”