महागठबंधन सरकार को जनता का विश्वास हासिल नहीं: प्रशांत किशोर
महागठबंधन सरकार को घेरते हुए प्रशांत ने कहा कि मौजूदा समय में जो महागठबंधन है, उसे जनता ने वोट नहीं किया है। ...
गोपालगंज ,(संवाददाता): जन सुराज पदयात्रा के 121वें दिन की शुरुआत गोपालगंज के कुचायकोट प्रखंड अंतर्गत सासामुसा पंचायत के ओएसिस इंटरनेशनल स्कूल स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके पहले पदयात्रा शिविर में प्रशांत किशोर ने मीडिया से संवाद स्थापित किया। गोपालगंज प्रशांत किशोर की जन सुराज पदयात्रा का चौथा जिला है। 2 अक्तूबर 2022 को पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम से शुरू हुई पदयात्रा पश्चिम चंपारण, शिवहर और पूर्वी चंपारण होते हुए गोपालगंज पहुंची है। प्रशांत किशोर पदयात्रा के माध्यम से अबतक 1400 किमी से अधिक की दूरी तय कर चुके हैं। आज गोपालगंज में पदयात्रा का 16वां दिन है। वे जिले में लगभग 5 दिन और रुकेंगे। जन सुराज पदयात्रा का गोपालगंज जिला अधिवेशन 2 फरवरी को शहर के गांधी कॉलेज में प्रस्तावित है। इस अधिवेशन में गोपालगंज जिले के सभी पंचायतों और प्रखंडों से लोग आएंगे और जन सुराज की आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे।
प्रशांत किशोर ने आरक्षण से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आरक्षण की जो व्यवस्था है, वो जायज है और मौजूदा समय में बनी रहनी चाहिए। आरक्षण इसलिए बनी रहनी चाहिए क्योंकि समाज के ऐसे वर्ग जो सामाजिक-आर्थिक कारणों से पीछे छूट गए हैं, उनको हमें साथ लेकर चलना ही है। संविधान में 10 साल आरक्षण रहने की बात इसलिए कि गई थी क्योंकि उस समय अनुमान लगाया गया था, कि स्थिति सुधर जाएगी पर इस से ज्यादा महत्वपूर्ण था कि स्थिति बराबरी की हो जाएगी, जो आज तक हो नहीं पाई।
उन्होंने कहा कि संविधान में तय किया गया था कि भारत में आर्थिक-प्रगति आने वाले 10 से 20 साल में हो जाएगी। देश में गरीबी खत्म हो जाएगी। जबकि देखा जाए तो 20 साल तो क्या अब तक गरीबी खत्म नहीं हुई। 20 साल के बाद आरक्षण को खत्म कर देने वाला जो तर्क है वो बिल्कुल गलत है। संविधान में यह कहा गया था कि देश में जो पिछड़े लोग हैं, उनकी स्थिति बेहतर हो जाएगी जो आज तक हुई नहीं। जब तक बराबरी का अधिकार समाज के वंचित लोगों को नहीं मिल जाता तब तक आरक्षण वर्तमान व्यवस्था बनी रहनी चाहिए। नीतीश कुमार पर प्रशांत किशोर ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि ये वही नीतीश कुमार हैं, जिन्होंने कोरोना महामारी के समय लोगों को उनके हाल में छोड़ दिया था। ये वही नीतीश कुमार हैं जिन्होंने पॉकेट में हाथ रखकर जहरीले शराब से इतने लोगों की मौत पर कहा कि जो 'पिएगा वो मरेगा'। आज के नीतीश कुमार वो नीतीश कुमार नहीं हैं जो 2014-15 में थे। अगर कोई भी दल या नेता 5 साल में काम नहीं किया है, तो जितनी मजबूती से आपने उनकी मदद की थी उतनी मजबूती से उनका विरोध करें वरना लोकतंत्र के जगह राजतंत्र बन जाएगा।
महागठबंधन सरकार को घेरते हुए प्रशांत ने कहा कि मौजूदा समय में जो महागठबंधन है, उसे जनता ने वोट नहीं किया है। नीतीश कुमार ने 2014-15 के बाद दो बार जनता के साथ विश्वासघात किया है। पिछली बार आप लालटेन के साथ चले गए इसके बाद आपने बीजेपी का दामन थाम लिया, फिर इसके बाद आपने लालटेन का साथ सरकार में आने के लिए ले लिया। आज नीतीश कुमार की विश्वसनीयता उनके राजनीतिक जीवन में सबसे निचले स्तर पर हो गई है। महागठबंधन सरकार को जनता का विश्वास हासिल नहीं है फिर भी आज वो सत्ता में काबिज हैं।