विपक्षी दलों का गठबंधन: राहुल-तेजस्वी को अखिलेश यादव का समर्थन, Voter Adhikar Yatra में हुए शामिल

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, बिहार

बिहार में जारी वोटर अधिकार यात्रा के 14वें दिन शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी सारण जिले के एकमा पहुंचे।

Akhilesh Yadav participated in Voter Adhikar Yatra news in hindi

Voter Adhikar Yatra: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, दोनों ही नेता वोटर अधिकार यात्रा पर निकले हैं, जनता के बीच पहुंच रहे हैं और वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का मुद्दा उठा रहे  है। यह यात्रा अब अपने अंतिम पड़ाव की ओर है। वोटर अधिकार यात्रा में शामिल होने उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव भी बिहार पहुंचे। 

अखिलेश यादव के इस यात्रा में शामिल होने को बिहार में महागठबंधन की अगुवाई कर रहे राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के मुस्लिम-यादव (एम-वाई) समीकरण को पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) में तब्दील करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन सवाल यह भी है कि क्या बात बस इतने तक ही है? भोजपुरी बेल्ट में अखिलेश को भी मैदान में उतारने के पीछे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की रणनीति क्या है?

बिहार में जारी वोटर अधिकार यात्रा के 14वें दिन शनिवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी सारण जिले के एकमा पहुंचे। इस मौके पर उनके साथ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव,राजद ने था तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे।

दोनों नेताओं का Voter Adhikar Yatra संयुक्त रोड शो, यहां राजनीतिक हलकों में बड़ी चर्चा का विषय बन गया। एकमा जिसे महान चिंतक और लेखक राहुल सांकृत्यायन की कर्मभूमि माना जाता है, उस ऐतिहासिक धरती पर राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और अखिलेश यादव खुले जीप पर सवार होकर सड़कों पर उतरे।

महागठबंधन की कोशिश है कि इन इलाकों में 2020 के विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन दोहराया जाए। बिहार विधानसभा के पिछले चुनाव में महागठबंधन ने सीवान जिले की आठ में से छह, सारण जिले की 10 में से सात और भोजपुर जिले की सात में से पांच सीटों पर जीत हासिल की थी।

गोपालगंज लालू यादव का गृह जिला है और इसी जिले में महागठबंधन का प्रदर्शन आरजेडी की उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा था। गोपालगंज जिले की छह में से चार सीटों पर महागठबंधन को शिकस्त झेलनी पड़ी थी।इन इलाकों में महागठबंधन की कोशिश पिछला प्रदर्शन दोहराने, गोपालगंज में प्रदर्शन सुधारने की है।

इस यात्रा के दौरान किस नेता को कहां शामिल किया जाए, यह बहुत सोच-समझकर तय किया लगता है. महागठबंधन ने अखिलेश को उतारने के लिए उन इलाकों का चयन किया, जहां सपा का प्रभाव हो सकता है। प्रियंका गांधी इस यात्रा में मिथिलांचल के इलाके में शामिल हुईं, जानकी मंदिर में पूजन किया. यह इलाका बीजेपी का गढ़ माना जाता है।

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