कजरी नृत्य और सावनी फुहार के साथ साहित्य सम्मेलन में मनाया गया आनंदोत्सव
हैदराबाद से विशेष रूप से मंगाए गए वंदन-वस्त्र और अलंकृत प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
पटना: कजरी नृत्य और पावस की फुहार के साथ बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन रविवार को आनंद की गंगा में डुबकी लगा रहा था। अध्यक्ष दा अनिल सुलभ समेत सम्मेलन के सभी अधिकारी और सदस्यगण एक दूसरे को बधाइयां देते और स्वीकार करते हुए अपनी प्रसन्नता की अभिव्यक्ति कर रहे थे। विगत 6-7 मई को आयोजित हुए सम्मेलन के 42 वें महाधिवेशन की अपार सफलता और राष्ट्रीय-स्तर पर हो रही व्यापक चर्चा के उपलक्ष्य में 'आनंदोत्सव-सह-सम्मान-समारोह' का आयोजन किया गया था।
समारोह के उद्घाटन कर्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सी पी ठाकुर, दूरदर्शन बिहार के कार्यक्रम-प्रमुख राज कुमार नाहर, वरिष्ठ साहित्यकार जियालाल आर्य, दीपक ठाकुर तथा सम्मेलन अध्यक्ष ने गत अधिवेशन में मूल्यवान योगदान देने वाले सम्मेलन की कार्यसमिति और महाधिवेशन की स्वागत समिति के अधिकारियों और सदस्यों को 'सम्मेलन कौस्तुभ मणि', 'सम्मेलन-शिरोमणि', 'सम्मेलन चूड़ामणि', 'सम्मेलन पद्म-पराग' तथा 'सम्मेलन-रत्न' की उपाधियों से विभूषित किया। सम्मेलन-कर्मी भी 'सम्मेलन-सेवी सम्मान से अलंकृत किए गए। इन्हें हैदराबाद से विशेष रूप से मंगाए गए वंदन-वस्त्र और अलंकृत प्रशस्ति-पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सम्मेलन की कला-समिति और सांस्कृतिक संस्था 'प्रांगण' के संयुक्त तत्त्वावधान में 'कजरी-नृत्य' की प्रस्तुतियों से आरंभ हुए इस उत्सव में एक भव्य कवि-सम्मेलन भी संपन्न हुआ, जिसमें 50 से अधिक कवियों और कवयित्रियों ने अपनी रचनाओं का सुमधुर पाठ किया। सोमा चक्रवर्ती के नृत्य-संयोजन और निर्देशन में कुमारी पूजा, निधि राय, रितिका चक्रवर्ती, रिया चक्रवर्ती, अनु कुमारी, काजल कुमारी, कृति कुमारी ,मीनाक्षी मधुश्री, हनी सिंह, मिक्की कुमारी, आरती बरनवाल, मीरा कुमारी, अंजना रंजन, सिद्धिका ध्रुवा, आद्याश्री, ओम् प्रकाश, तथा अतीश कुमार आदि ने, झूमर, कजरी और मुखौटा-नृत्य की अत्यंत मोहक प्रस्तुतियाँ दी। इन्हें सम्मेलन अध्यक्ष ने 'कला-रत्न' की उपाधि से विभूषित किया। मंच का संचालन कवि ब्रह्मानन्द पांडेय ने किया।
इन्हें मिला सम्मान
'सम्मेलन कौस्तुभ मणि' अलंकरण : डॉ. उपेंद्रनाथ पाण्डेय, डॉ. शंकर प्रसाद, डॉ. शिववंश पाण्डेय, डॉ मधु वर्मा, डॉ कल्याणी कुसुम सिंह, डॉ पूनम आनंद, डॉ शालिनी पाण्डेय ।
'सम्मेलन शिरोमणि' अलंकरण : बच्चा ठाकुर, आरपी घायल, डॉ ध्रुव कुमार, कुमार अनुपम, प्रो सुशील कुमार झा, डॉ मनोज गोवर्द्धनपुरी, ई अशोक कुमार।
'सम्मेलन चूड़ामणि' अलंकरण : डॉ पुष्पा जमुआर, आराधना प्रसाद, सागरिका राय, चंदा मिश्र, डॉ अर्चना त्रिपाठी।
'सम्मेलन पद्म पराग' अलंकरण : डॉ सीमा रानी, जय प्रकाश पुजारी, कृष्ण रंजन सिंह, डॉ अमरनाथ प्रसाद, ई आनंद किशोर मिश्र, ज्ञानेश्वर शर्मा, प्रवीर कुमार पंकज, डॉ सीमा यादव, राजेश भट्ट, परवेज़ आलम, चितरंजन लाल भारती, शशि भूषण कुमार, डॉ आर प्रवेश, लता प्रासर, रेखा भारती, आनंद मोहन झा, डॉ सुषमा कुमारी, अम्बरीष कांत, बिंदेश्वर प्रसाद गुप्त, नीरव समदर्शी, नेहाल कुमार सिंह 'निर्मल'।
'सम्मेलन रत्न' अलंकरण : ई बांके बिहारी साव, ई शुभ चंद्र सिंहा, सुनील कुमार उपाध्याय, सदानंद सिंह, कमल किशोर 'कमल', मधु रानी लाल, डा रीता सिंह, डॉ नागेश्वर प्रसाद यादव, ब्रह्मानन्द पाण्डेय, कृष्णा मणि-श्री , इन्दु उपाध्याय, अरुण कुमार श्रीवास्तव, अभय सिन्हा, मोईन गिरिडीहवी, तलत परवीन, डा पंकज पाण्डेय, डा पंकज प्रियम, संजय शुक्ल, प्रेमलता सिंह राजपुत, पुरुषोत्तम कुमार, डा कुंदन लोहानी,अश्मजा प्रियदर्शिनी, मदन मोहन ठाकुर ।
'सम्मेलन-कर्मी' सम्मान : सूबेदार नन्दन कुमार मीत, दिगम्बर कुमार जायसवाल, अमरेन्द्र कुमार, डौली कुमारी, मेनका कुमारी, महेश प्रसाद,सुनीता देवी, उमेश कुमार वीरेंद्र प्रसाद । कवयित्री शमा कौसर 'शमा', आकाशवाणी, पटना में कार्यक्रम अधिशासी अनिल तिवारी, डा मीना कुमारी परिहार, अन्नपूर्णा श्रीवास्तव, डौली बगड़िया, मनोरमा तिवारी, डॉ प्रतिभा रानी आदि उत्सव की सफलता हेतु सक्रिए भूमिका अदा की।