आरोपितों की जांच में शामिल होने की जांच के लिए HC ने सुनवाई के दौरान थाना प्रभारी को व्हाट्सएप पर किया वीडियो काल
वकील ने कहा कि पुलिस अधिकारी उनको को जांच में शामिल होने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जबकि वे पुलिस थाने में मौजूद है।
HC video call to police station Incharge on WhatsApp during hearing News In Hindi: सरकार व याची पक्ष के विरोधाभास दावों को जानने के लिए पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने जांच में शामिल होने के बारे में पता लगाने के लिए संबंधित थाना प्रभारी को व्हाट्सएप पर वीडियो काल किया। यह घटनाक्रम उस समय सामने आया जब सरकारी वकील ने कहा कि आरोपित जांच में शामिल नहीं हुए हैं, लेकिन आरोपितों के वकील ने कहा कि पुलिस अधिकारी उनको को जांच में शामिल होने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जबकि वे पुलिस थाने में मौजूद है।
जस्टिस संदीप मौदगिल ने कहा कि चूंकि दोनों पक्षों की दलीलें विश्वास पैदा नहीं करती हैं, इसलिए इस कोर्ट ने वीडियो काल के माध्यम से कार्यवाही देखना उचित समझा और पंजाब के सरकारी वकील को निर्देश दिया कि वे थाना प्रभारी, एसएएस नगर, मोहाली को व्हाट्सएप के माध्यम से वीडियो काल पर जोड़ें। थाना प्रभारी से संपर्क किया गया और दूसरी ओर, आरोपितों के वकील ने भी आरोपितों पुलिस थाने में रिपोर्ट करने को कहा। वीडियो काल पर कोर्ट ने पुलिस थाने की कार्यवाही देखी, जिसमें दोनों याचिकाकर्ता आरोपित मौजूद थे।थाने में मौजूद एसएचओ ने अंत में कहा कि याचिकाकर्ता जांच में शामिल हो गए हैं और उन्हें आगे हिरासत में लेकर पूछताछ करने की आवश्यकता नहीं है।
हाई कोर्ट धोखाधड़ी के मामले आरोपित कुलविंद्र सिंह व अन्य की अग्रिम जमानत देते समय जांच में शामिल होने के लिए दिए गए समय को बढ़ाने के लिए एक अर्जी पर सुनवाई कर रहा था।लंच से पहले जब मामले की सुनवाई शुरू हुई तो कोर्ट के निर्देश के अनुपालन में राज्य की ओर से एसएचओ का हलफनामा दायर किया गया, जिसमें कहा गया कि याचिकाकर्ता जांच में शामिल नहीं हुए हैंदूसरी ओर, याचिकाकर्ताओं के वकील ने तस्वीरों पेश की जिसमें दिखाया गया कि आरोपित याचिकाकर्ता पुलिस थाने के मुख्य द्वार पर खड़े थे।इसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि उसके पास दो दिसम्बर 2024 से संबंधित सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक की सीसीटीवी फुटेज है, जिससे यह साबित होता है कि याचिकाकर्ता किसी भी समय जांच में शामिल होने के लिए पुलिस स्टेशन में उपस्थित नहीं होते हैं और तस्वीरों को किसी अन्य समय इस कोर्ट के समक्ष बचाव के लिए तैयार किया गया है, वह भी केवल पुलिस स्टेशन के मुख्य द्वार पर। विवाद को सुलझाने के लिए हाई कोर्ट ने पुलिस स्टेशन को सीधे व्हाट्सएप पर वीडियो काल करने का निर्णय लिया। वीडियो काल पर एसएचओ की दलीलों को ध्यान में रखते हुए याचिका का निपटारा कर दिया गया।