Punjab Haryana High Court ने स्वतः संज्ञान लिया, पुलिस के काम करने के तरीके पर सवाल उठाए

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, चंडीगढ़

नवां गांव पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज, SHO को कारण बताओ नोटिस जारी

The High Court took suo motu cognizance of the matter and questioned the police's working methods.

Chandigarh News: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक अहम और संवेदनशील मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्वतः संज्ञान(सुओ मोटो) लिया है। मामला एक अधिवक्ता के साथ कथित उत्पीड़न और आपराधिक कृत्य से जुड़ा है, जिसमें लंबे समय तक एफआईआर दर्ज न किए जाने की शिकायत सामने आई थी। इस प्रकरण में हाईकोर्ट ने न केवल एफआईआर दर्ज होने को रिकॉर्ड पर लिया, बल्कि संबंधित थाना प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने और पुलिस महानिदेशक, पंजाब का हलफनामा भी तलब किया।

मुख्य न्यायाधीश शील नागू और न्यायमूर्ति संजीव बेरी की खंडपीठ ने यह मामला 16 दिसंबर 2025 को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, चंडीगढ़ की ओर से दी गई शिकायत के आधार पर अपने संज्ञान में लिया था। शिकायत 30 नवंबर 2025 की उस घटना से संबंधित थी, जिसमें अधिवक्ता अमित के साथ कथित तौर पर संज्ञेय अपराध किया गया, लेकिन इसके बावजूद नयागांव थाना, जिला एसएएस नगर (मोहाली) की पुलिस ने समय पर एफआईआर दर्ज नहीं की। पीड़ित अधिवक्ता ने इस संबंध में 7 दिसंबर 2025 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मोहाली को ई-मेल के माध्यम से भी सूचना दी थी।

मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ उप महाधिवक्ता सलील सभलोक ने अदालत को बताया कि अब एफआईआर नंबर 140 दिनांक 16 दिसंबर 2025 को नयागांव थाने में दर्ज कर ली गई है। यह एफआईआर अज्ञात व्यक्तियों के साथ-साथ सीआईए-1, हिसार के कुछ अधिकारियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज की गई है। अदालत ने इस एफआईआर को रिकॉर्ड पर लेते हुए इसे परिशिष्ट ‘Z’ के रूप में स्वीकार किया  ।

सुनवाई के दौरान बार एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने यह भी आरोप लगाया कि नयागांव थाना प्रभारी ने एफआईआर दर्ज करने में देरी के बाद बार एसोसिएशन के कई सदस्यों के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई की है। इस पर अदालत ने बार एसोसिएशन को संबंधित दस्तावेज रिकॉर्ड पर रखने की अनुमति दी।

पंजाब सरकार की ओर से यह भी बताया गया कि थाना प्रभारी, नयागांव को 16 दिसंबर 2025 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उनसे यह स्पष्टीकरण मांगा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले ललिता कुमारी बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के बावजूद समय पर एफआईआर क्यों दर्ज नहीं की गई। इस संबंध में भी दस्तावेज अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए  ।

इसके अतिरिक्त, पंजाब के पुलिस महानिदेशक का हलफनामा भी अदालत में दाखिल किया गया, जिसे खंडपीठ ने रिकॉर्ड पर ले लिया। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 दिसंबर 2025 की तारीख तय की है।

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