Punjab and Haryana High Court: गुजारा भत्ता मिलने पर भी बच्चों को संपत्ति से बेदखल कर सकते है माता-पिता

राष्ट्रीय, चंडीगढ़

गुरुदेव कौर को उसके ही बेटे ने घर से निकाल दिया था।

Punjab and Haryana High Court Parents can evict children from property even after receiving maintenance allowance

Punjab and Haryana High Court News: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मात्र गुजारा भुत्ता मिलने का अर्थ यह नहीं है कि बुद्ध माता-पिता बच्चों को संपत्ति से बेदखल नहीं कर सकते। जस्टिस विकास बहल ने होशियारपुर जिले की 90 वर्षीय विधवा गुरदेव कौर की याचिका स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किए हैं। इसके साथ ही डीसी को आदेश दिया कि संबंधित मकान का कब्जा लेने के लिए एसएसपी की मदद लें और कोई इसमें बाधा डाले तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए। एसएसपी को कहा गया है कि शिकायतकर्ता 90 वर्षीय विधवा गुरदेव कौर को पूरी सहायता प्रदान की जाए.

गुरुदेव कौर को उसके ही बेटे ने घर से निकाल दिया था। उन्होंने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था और मांग की थी कि उसे डीसी  होशियारपुर के 23 अगस्त 2018 को पारित अंतिम आदेश के अनुसार आवासीय मकान पर कब्जा, भरण पोषण के बकाया के साथ सौंपने के निर्देश दिए जाएं। याचिकाकर्ता वर्ष 2015 से ही अपना हक पाने के लिए दर-दर भटक रही है, जबकि अगस्त 2023 में जिला मजिस्ट्रेट ने याचिकाकर्ता के पक्ष में आदेश पारित किया था, जिसमें उसके बेटे को तीन हजार रुपये प्रतिमाह भरण- पोषण भत्ता देने और उसके स्वामित्व वाले मकान का कब्जा सौंपने का आदेश दिया गया था। 

माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 के प्रविधान के तहत पारित डीसी के निर्णय को वृद्धा के बेटे ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे पांच अप्रैल 2022 को खारिज कर दिया गया था। इसके बावजूद वृद्धा को उस रिहायशी मकान का कब्जा नहीं दिया गया, जिस पर उसके बेटे ने कब्जा कर रखा है। बेटे ने तर्क दिया था कि चूंकि याचिका के लंबित रहने के दौरान उसने भरण-पोषण का बकाया चुका दिया था, इसलिए उसकी मां संबंधित घर से उसे निकालने की मांग नहीं कर सकती। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने कहा याचिकाकर्ता 90 वर्षीय विधवा है. और उसने ऐसे बेटे को जन्म दिया जिसने उसको बेघर कर दिया और अब किराये के छोटे से घर में रह रही है, जबकि बेटा 45 हजार रुपये प्रति माह का अच्छा वेतन ले रहा है और याचिकाकतों को कोई भरण पोषण नहीं दे रहा था। इसके साथ ही बेटे के आचरण दुर्भाग्यपूर्ण मानते हुए और उसे घर खाली करने और भरण-स पोषण देने को कहा है।

हाई कोर्ट का फैसला

बेटा बकाया गुजारा भत्ते का करे भुगतान और मां के मकान को करे खाली
डीसी को आदेश- डीसी व एसपी की सहायता से मकान खाली करवा वृद्धा मां को दिलाया जाए

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