Tricity Metro Project News: ट्राईसिटी में मेट्रो प्रोजेक्ट की रफ्तार हुई धीमी, जाने क्या है वजह!
पंजाब सरकार को डिपो के लिए 21 एकड़ जमीन देनी है, लेकिन इन पीएलपी का हवाला देकर देने से मना कर दिया गया।
Tricity Metro Project News in hindi: ट्राईसिटी में मेट्रो प्रोजेक्ट की रफ्तार अब धीमी पड़ने लगी है। 2008 में ट्राईसिटी में मेट्रो प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई, लेकिन बीच में ही इसे बंद कर दिया गया। 16 साल के लंबे इंतजार के बाद मार्च-अप्रैल 2023 में फिर से मेट्रो चलाने को लेकर यूटी प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित की अगुवाई में तेजी से काम हुआ। करीब एक वर्ष तक मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर तेजी से काम हुआ, लेकिन बीते करीब तीन- चार महीने से फिर से मेट्रो पटरी से उतरी दिख रही है।
मेट्रो का पेंच पंजाब सरकार की अनदेखी के कारण फंसता नजर आ रहा है। हरियाणा और चंडीगढ़ प्रशासन ने मेट्रो को लेकर बजट से लेकर अन्य कार्रवाई पूरी कर ली है, लेकिन मामला अब पंजाब सरकार द्वारा मेट्रो डिपो के लिए न्यू चंडीगढ़ के मुल्लांपुर के पास परौल में जमीन को लेकर अटक गया है। पंजाब सरकार को डिपो के लिए 21 एकड़ जमीन देनी है, लेकिन इन पीएलपी (पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट लैंड का हवाला देकर देने से मना कर दिया गया।
ऐसे में इसको लेकर ट्राईसिटी में मेट्रो प्रोजेक्ट की रफ्तार अब धीमी पड़ती नजर आने लगी हैं। गौर हो कि बीती 15 जनवरी को नई दिल्ली में केंद्र सरकार के शहरी विकास मंत्रालय ने यूटी प्रशासन के अधिकारियों की बैठक में ट्राईसिटी में पहले चरण में टू कोच मेट्रो चलाने का सुझाव दिया है। हेरिटेज स्टेट के कारण मेट्रो ट्रैक अंडरग्राउंड बनाने पर भी मंत्रालय ने सवाल उठाया है। केंद्र सरकार ने एलिवेटेड ट्रैक के विकल्प पर विचार करने को कहा है, साथ ही यूटी प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है
जिसमें एलिवेटेड ट्रैक नहीं बनाने का पत्र जारी को जमा किया है। अंडरग्राउंड ट्रैक पर एलिवेटेड के मुकाबले तीन से चार गुणा अधिक खर्च होगा। वहीं सामने आई जानकारी के मुताबिक इस मामले में प्रशासन ने केंद्र को अभी तक इस मामले में रिपोर्ट नहीं सौंपी है। लेकिन अब देखना होगा की इस मामले में पंजाब सरकार कब तक इसको लेकर अपनी सहमति देती है और इस काम में तेजी आएगी।
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