मालीवाल का दिल्ली पुलिस को नोटिस, नाबालिग पहलवान की पहचान उजागर करने वाले व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

आयोग के मुताबिक, एक नाबालिग लड़की सहित कुछ महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि सिंह ने उनका यौन उत्पीड़न किया।

Maliwal's notice to Delhi Police

New Delhi: दिल्ली महिला आयोग (DCW) प्रमुख स्वाति मालीवाल ने बुधवार को पुलिस को एक नोटिस जारी करके उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिसने भारतीय जनता पार्टी सांसद एवं भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने वाली नाबालिग पहलवान की पहचान कथित तौर पर उजागर की है। मालीवाल ने मामले में डीसीपी नई दिल्ली को समन भी जारी किया है। 

मालीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘एक आदमी खुद को बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ शिकायत देने वाली नाबालिग बच्ची का चाचा बता, उसके कागजात प्रेस में दिखा लड़की की पहचान उजागर कर रहा है। पुलिस को नोटिस दे रही हूं, इस आदमी के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज हो। क्या इसलिए बृजभूषण को छोड़ा गया है कि पीड़िता पर दबाव बन सके?’’

आयोग के मुताबिक, एक नाबालिग लड़की सहित कुछ महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि सिंह ने उनका यौन उत्पीड़न किया। इस मामले में उनके खिलाफ दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की गई हैं।

महिला आयोग ने कहा कि अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो प्रसारित किया जा रहा है जिसमें नाबालिग शिकायतकर्ता का चाचा होने का दावा करने वाला एक व्यक्ति अपनी पहचान बताता है जो यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत एक आपराधिक अपराध है। आयोग ने पुलिस से लड़की की पहचान उजागर करने के लिए व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की जाने वाली प्राथमिकी की एक प्रति सहित विवरण मांगा और उन्हें 6 जून को दोपहर 12 बजे आयोग के सामने पेश होने के लिए कहा।

डीसीडब्ल्यू ने कहा कि उसने दिल्ली पुलिस से मुख्य आरोपी सिंह को अब तक गिरफ्तार नहीं करने के कारण बताने को भी कहा है। इसके अलावा, इसने पुलिस से पूछताछ रिपोर्ट की एक प्रति प्रदान करने के लिए कहा कि क्या आरोपी सिंह किसी भी तरह से नाबालिग पीड़िता की पहचान प्रकट करने के कृत्य से जुड़ा हुआ है।

डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने डीसीपी, नयी दिल्ली को मामले में की गई कार्रवाई रिपोर्ट के साथ 2 जून को आयोग के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा है।

मालीवाल ने कहा, ‘‘यह चौंकाने वाला है कि पीड़िता जो लगातार खतरे में है और माननीय उच्चतम न्यायालय ने उसे सुरक्षा प्रदान की है, एक व्यक्ति द्वारा उसकी पहचान उजागर की जा रही है और दिल्ली पुलिस इस बारे में कुछ नहीं कर रही है। पॉक्सो अधिनियम के तहत दर्ज किसी मामले में पीड़िता की पहचान उजागर करना भी एक अपराध है।’’

सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को पुलिस ने रविवार को उस जगह से तब हटा दिया, जब उन्होंने नये संसद भवन के उद्घाटन के दौरान उसकी ओर मार्च करने की कोशिश की थी। उन्हें हिरासत में लेने के बाद में रिहा कर दिया गया था।  दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं। जहां पहली प्राथमिकी नाबालिग पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है, वहीं दूसरी अपमानजनक शील भंग से संबंधित है।

मंगलवार को पुलिस सूत्रों ने कहा कि आंदोलनकारी पहलवानों को उनके धरने को इंडिया गेट स्थानांतरित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि राष्ट्रीय स्मारक प्रदर्शनों का स्थान नहीं है और उनके धरने के लिए वैकल्पिक स्थानों का सुझाव दिया जाएगा।