CM Arvind Kejriwal : सिलक्यारा सुरंग बचाव अभियान में शामिल दिल्ली के ‘रैट-होल माइनर्स’ से मिले सीएम केजरीवाल

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

रैट-होल खनन में श्रमिकों के प्रवेश और कोयला निकालने के लिए आमतौर पर 3-4 फीट गहरी संकीर्ण सुरंगों की खुदाई की जाती है।

Chief Minister Kejriwal met the 'rat-hole miners' of Delhi involved in the Silkyara tunnel rescue operation.

CM Arvind Kejriwal  News : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उन ‘रैट-होल’ खनिकों से मुलाकात की जिन्होंने सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों के बचाव अभियान में भाग लिया था। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उत्तराखंड में सुरंग का एक हिस्सा ढहने से मजदूर उसमें फंस गए। 17 दिनों तक कई एजेंसियों की मदद से चलाए गए बचाव अभियान के बाद मंगलवार को उन्हें बचाया गया। मलबे को साफ करते समय एक अमेरिकी ऑगर मशीन के सामने बाधा आने के बाद 'ड्रिलिंग' करने के लिए ‘रैट-होल’ खनन विशेषज्ञों के 12 सदस्यीय दल को बुलाया गया था।

अधिकारियों के मुताबिक, उनमें से कुछ दिल्ली जल बोर्ड के लिए सीवर लाइनें और पाइपलाइन बिछाने में शामिल हैं। उन्होंने बताया, “केजरीवाल ने दिल्ली के खनिकों से मुलाकात की। बैठक के दौरान जल मंत्री आतिशी और शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज भी मौजूद रहे। खनिक बृहस्पतिवार को उत्तराखंड से लौटे।”

रैट-होल खनन में श्रमिकों के प्रवेश और कोयला निकालने के लिए आमतौर पर 3-4 फीट गहरी संकीर्ण सुरंगों की खुदाई की जाती है। क्षैतिज सुरंगों को अक्सर “चूहे का बिल” (रैट होल) कहा जाता है, क्योंकि प्रत्येक सुरंग लगभग एक व्यक्ति के प्रवेश के लिए ही उपयुक्त होती है।  उत्तराखंड की सिलक्यारा सुंरग में बचाव अभियान के तहत क्षैतिज खनन के लिए ‘ट्रेंचलेस इंजीनियरिंग सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘नवयुग इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड’ द्वारा 12 (रैट होल) विशेषज्ञों को बुलाया गया था। (pti)