'सदनों में मुद्दे उठाना कोई ड्रामा नहीं, लोकतांत्रिक कार्य है': प्रियंका गांधी का पीएम मोदी पर कटाक्ष

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

PM मोदी के "ड्रामा, डिलीवरी नहीं" वाले बयान पर प्रियंका गांधी का तंज।

'Raising issues in the House is not a drama, it is a democratic act': Priyanka Gandhi

Parliament Winter Session Day -1: कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “ड्रामा नहीं, डिलीवरी” वाली टिप्पणी का जवाब देते हुए कहा कि सदनों में मुद्दों को उठाना और उन पर चर्चा करना नाटक नहीं बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के बाद पत्रकारों से बातचीत में प्रियंका गांधी ने कहा कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और गंभीर वायु प्रदूषण जैसे मुद्दे संसद में उठाने योग्य महत्वपूर्ण विषय हैं। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया और प्रदूषण जैसे जरूरी मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए। संसद का उद्देश्य ही इन विषयों पर चर्चा करना है, और यह कोई नाटक नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मुद्दों पर बात करना और उन्हें उठाना नाटक नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक चर्चा को बाधित करना ही नाटक है।

प्रियंका गांधी की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संसद सत्र के पहले विपक्षी दलों पर की गई आलोचना के संदर्भ में आई है। पीएम मोदी ने कहा था कि विपक्षी दल बिहार चुनाव में हाल ही में मिली हार के बाद असंतोष में हैं और उन्हें संसद में ठोस नीतियों और कानूनों को पारित करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। उन्होंने विपक्ष से संसद में नाटक करने के बजाय डिलीवरी पर जोर देने का आग्रह किया था।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि वह सभी से अनुरोध करेंगे कि वे हाथ में मौजूद मुद्दों पर ध्यान दें। उन्होंने कहा, “नाटक करने के लिए बहुत सारी जगहें हैं; जो कोई नाटक करना चाहता है, वह कर सकता है। यहां नाटक नहीं, डिलीवरी होनी चाहिए। जो कोई नारे लगाना चाहता है, पूरा देश वहां है। लेकिन यहां नीति पर जोर होना चाहिए, नारों पर नहीं।”

प्रियंका गांधी ने इसका जवाब देते हुए कहा कि नाटक का मतलब यह है कि जनता से जुड़े मुद्दों पर लोकतांत्रिक चर्चा नहीं हो रही। उनका मानना है कि संसद का कर्तव्य है महत्वपूर्ण मुद्दों पर बहस करना, और यह नाटक नहीं बल्कि लोकतांत्रिक कार्य है।

सूत्रों के अनुसार, विपक्षी दलों ने इस शीतकालीन सत्र में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया है। सभी दलों ने सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की है कि इस विषय पर सबसे पहले बहस होगी और इसे मुख्य एजेंडा बनाया जाएगा। प्रियंका गांधी ने कहा कि लोकतंत्र की असली ताकत यही है कि हम जनता के मुद्दों पर खुलकर चर्चा करें। सत्र में यह देखना चाहिए कि संसद देश के लिए क्या करती है, न कि यह कि कौन किसका विरोध करता है।

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