साइबर अपराधियों ने दिल्ली के परिवार से ठगे चार लाख रुपये, ऐसे बिछाया था जाल...

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

साइबर अपराधियों ने निकट संबंधी को ऑस्ट्रेलिया की जेल से रिहा कराने का झांसा देकर उससे चार लाख रुपये ठग लिए।

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New Delhi: साइबर अपनराधी दिन पर दिन बोखौप होते जा रहे हैं और आए दिन किसी न किसी को अपना शिकार बना रहे है। ताजा मामला उत्तरी दिल्ली से सामने आाया है, यहां साइबर अपराधियों ने एक परिवार के निकट संबंधी को ऑस्ट्रेलिया की जेल से रिहा कराने का झांसा देकर उससे चार लाख रुपये ठग लिए। इस संबंध में गुरसिमरन सिंह (29) नाम के व्यक्ति ने हाल में जिला साइबर प्रकोष्ठ में प्राथमिकी दर्ज कराई है, जिसमें उसने आरोप लगाया है कि उसकी मां को एक अंतरराष्ट्रीय फोन नंबर से व्हाट्सऐप पर किसी का कॉल आया था और फोन करने वाले ने खुद को नौनिहाल सिंह बताया था।

गुरसिमरन ने प्राथमिकी में कहा, ‘‘नौनिहाल मेरे भाई की तरह है और वह पढ़ाई करने ऑस्ट्रेलिया गया है। उसने मेरी मां को बताया कि उसके मित्रों की किसी व्यक्ति से लड़ाई हो गई, जिसके बाद उस व्यक्ति की मौत हो गई और पुलिस ने इस संबंध में एक आपराधिक मामला दर्ज किया है।’’ गुरसिमरन के मुताबिक, ‘‘नौनिहाल ने कहा कि उसके सभी मित्र जेल में हैं और केवल वही इस समय बाहर है। उसने मेरी मां को बताया कि इस मामले में विस्तार से जानकारी देने के लिए एक वकील उन्हें फोन करेगा।’’

प्राथमिकी के अनुसार, कुछ देर बाद वकील का फोन आया और उसने कहा कि नौनिहाल को भी जेल भेज दिया गया है तथा उसे जमानत के लिए पुलिस के पास तत्काल पैसे जमा कराने होंगे।

गुरसिमरन के मुताबिक, ‘‘वकील ने कहा कि यदि राशि जमा नहीं कराई गई, तो उन्हें (नौनिहाल और उसके मित्रों को) 15 से 20 साल जेल में बिताने पड़ेंगे। इसके बाद उसने रांची में भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शाखा का खाता नंबर भेजा, जो विक्रम कुमार मुंडा के नाम पर था।’’

प्राथमिकी में कहा गया है कि ठगों ने पहले दो लाख रुपये मांगे, जिसे गुरसिमरन के परिवार ने खाते में जमा करा दिया, लेकिन इसके बाद उन्होंने फिर से फोन करके कहा कि ऑस्ट्रेलिया पुलिस 2.3 लाख रुपये और मांग रही है। गुरसिमरन ने बताया कि उसने यह राशि भी खाते में जमा करा दी। गुरसिमरन ने कहा, ‘‘राशि जमा कराने के बाद मुझे कुछ गड़बड़ होने का अंदेशा हुआ और मैंने अपने अन्य रिश्तेदारों से नौनिहाल का हाल-चाल पूछा। मुझे पता चला कि उसके और उसके मित्रों के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। तब मुझे एहसास हुआ कि मैं साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गया हूं।’’

मामले की जांच कर रहे साइबर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हाल में उत्तरी दिल्ली में एक अन्य परिवार के साथ इसी तरीके से ठगी होने की शिकायत मिली है, जिसके रिश्तेदार कनाडा में रहते हैं। पुलिस उपायुक्त (उत्तर) सागर सिंह कलसी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि जिले का साइबर दल इन मामलों की जांच कर रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम ‘जन चेतना अभियान’ के माध्यम से लोगों को इस तरह के मामलों के बारे में जागरूक कर रहे हैं। लोगों को बताया जा रहा है कि वे गुमनाम नंबर से आने वाले किसी फोन कॉल पर भरोसा न करें।’’