Stray Dogs Case: सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया, 7 नवंबर को सुनाया जाएगा फैसला
अदालत ने कहा कि इस मुद्दे पर अब 7 नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा।
New Delhi: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को देशभर में बढ़ते आवारा कुत्तों के मामलों पर सुनवाई की। अदालत ने यह निर्णय लिया कि इस मामले में 7 नवंबर को फैसला सुनाया जाएगा। सुनवाई के दौरान पश्चिम बंगाल और तेलंगाना को छोड़कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिव कोर्ट में उपस्थित रहे। (Supreme Court takes tough stand on stray dog issue, verdict to be delivered on November 7 news in hindi)
सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय विशेष पीठ—जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एन.वी. अंजनिया— ने राज्यों से पूछा कि उन्होंने पशु जन्म नियंत्रण नियमों के पालन में कौन-कौन से कदम उठाए हैं। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि 7 नवंबर की सुनवाई में मुख्य सचिवों की व्यक्तिगत उपस्थिति आवश्यक नहीं होगी, लेकिन अगर आदेशों के पालन में कोई लापरवाही पाई जाती है, तो कोर्ट उन्हें दोबारा तलब कर सकती है।
सुनवाई के दौरान यह नोट किया गया कि केरल के मुख्य सचिव की जगह प्रधान सचिव उपस्थित हुए, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। वहीं, पीठ ने आंध्र प्रदेश के वकील से पूछा कि पिछली सुनवाई के बाद अनुपालन हलफनामा क्यों दाखिल नहीं किया गया। अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में पशु कल्याण विभाग को वादी (पार्टी) के रूप में शामिल किया जाएगा।
इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को जानकारी दी कि अधिकांश राज्यों ने अपने अनुपालन हलफनामे दाखिल कर दिए हैं। इसके बाद अदालत ने सुनवाई पूरी करते हुए 7 नवंबर को फैसला सुनाने की घोषणा की।
गौरतलब है कि 27 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया था कि वे 3 नवंबर को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर यह बताएं कि 22 अगस्त के आदेश के बावजूद हलफनामे क्यों नहीं दाखिल किए गए। उस समय अदालत ने आदेशों की अवहेलना पर अपनी नाराजगी भी व्यक्त की थी।
यह मामला देशभर में आवारा कुत्तों की संख्या और उनसे जुड़ी घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी नीतियों के कार्यान्वयन से संबंधित है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कहा था कि वे **पशु जन्म नियंत्रण नियमों को पूरी गंभीरता से लागू करें, ताकि नागरिकों की सुरक्षा और पशु कल्याण दोनों सुनिश्चित किए जा सकें।
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