'मेरी टिप्पणियों का गलत अर्थ निकाला गया': पीटी उषा ने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों से की मुलाकात, दिया समर्थन का आश्वासन

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

बजरंग पूनिया ने कहा कि उन्होंने मदद का आश्वासन दिया है।

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New Delhi: भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष पीटी उषा ने बुधवार को जंतर-मंतर पर  प्रदर्शन करने वाले पहलवानों से मुलाकात की और उन्हें समर्थन का आश्वासन दिया। बता दें कि भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पहलवान 12 दिनों से धरने पर बैठे हैं। 

बता दें कि पीटी उषा बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले पहलवानों के प्रति असंवेदनशील होने के आरोपों का सामना कर रही थी. उषा ने इससे पहले अपने मुद्दों के लिए आईओए से संपर्क करने के बजाय फिर से विरोध शुरू करने के लिए पहलवानों की कड़ी आलोचना की थी। उन्होंने कहा था कि पहलवानों को अनुशासन दिखाना चाहिए था। इस टिप्पणी के बाद उनकी और आईओए की आलोचना हुई थी।

उषा मीडिया से बात किए बिना चली गईं लेकिन बजरंग पूनिया ने कहा कि उन्होंने मदद का आश्वासन दिया है।

बजरंग ने मीडिया से कहा, ‘‘शुरू में जब उन्होंने ऐसा कहा तो हमें बहुत बुरा लगा लेकिन फिर उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियों का गलत मतलब निकाला गया। उन्होंने कहा कि वह पहले एथलीट हैं और बाद में प्रशासक हैं।’’

तोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाले इस पहलवान ने कहा, ‘‘ हमने उससे कहा कि हमें न्याय चाहिए। हमारा सरकार या विपक्ष या किसी और से कोई झगड़ा नहीं है। हम यहां कुश्ती की बेहतरी के लिए बैठे हैं। अगर यह मसला सुलझ जाता है और आरोप (डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ) साबित हो जाते हैं तो कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।’’

बजरंग से जब पूछा गया कि क्या उषा सरकार या आईओए की ओर से समाधान लेकर आई थी तो उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा कुछ नहीं था। उन्होंने केवल इतना कहा कि वह हमारे साथ है।’’ साक्षी ने कहा, ‘‘ उन्होंने (उषा) कहा कि हमें स्टेडियम की जगह सड़कों पर देखकर उन्हें दुख हो रहा है। उसने कहा कि वह हमारे दर्द को समझती है और चाहती है कि हम देश के लिए और पदक जीतें।’’. उन्होंने कहा, ‘‘ अगर कोई यहां आया है और कहता है कि वह हमारा समर्थन करती है, तो हमें बस इतना ही चाहिए।’’

विनेश ने कहा कि उन्होंने उषा से यह नहीं पूछा कि आईओए अपनी जांच कब पूरी करेगी, लेकिन कुछ सुझाव दिए है।.

उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने उससे कहा, अब कुश्ती (प्रशासन) उनके अधीन है, उन्हें सब कुछ अपने नियंत्रण में लेना चाहिए और प्रतियोगिताओं का आयोजन शुरू करना चाहिए। मैंने उसे यह भी कहा कि वह एक राज्यसभा सांसद है ... अगर वह इस मुद्दे को संसद में उठा सकती है, तो वह काफी होगा ।’’

बजरंग ने कहा, ‘‘ हम उनका सम्मान करते है। वह महान एथलीट रही है। देर आये दुरुस्त आए।’’ 

इस पहलवान ने हालांकि फिर से दोहराया कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘ अगर वह हमें आश्वासन दे रही हैं तो मुझे लगता है कि उन्हें उस आश्वासन को पूरा करना चाहिए। लेकिन हमने उन्हें स्पष्ट किया कि जब तक चीजें ठीक नहीं होंगी और हमें न्याय नहीं मिलेगा, यह विरोध जारी रहेगा। हमें हालांकि न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है।’’.

उन्होंने कहा, ‘‘ उन्होंने जो बातें कही हैं अगर उस दिशा में कोई पहल होती है तो निश्चित रूप से इस मुद्दे का समाधान होगा। उन्होंने कहा कि वह हमारी सभी समस्याओं को दूर करने का प्रयास करेंगी। वह चाहे तो कुछ भी कर सकती हैं।’’.