Online Gaming Case: ऑनलाइन गेमिंग कानून पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, केंद्र से मांगा जवाब

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग कानून पर केंद्र सरकार से विस्तृत जवाब मांगा है।

Supreme Court strict on online gaming law, seeks response from Centre news in hindi

Online Gaming Case: सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्र सरकार से उन याचिकाओं पर विस्तृत जवाब दाखिल करने को कहा है, जिनमें उस ऑनलाइन गेमिंग कानून को चुनौती दी गई है जो ऑनलाइन जुए से जुड़े खेलों, उनसे संबंधित बैंकिंग सेवाओं और विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाता है। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और के.वी. विश्वनाथन की पीठ को बताया गया कि केंद्र सरकार ने इन याचिकाओं में किए गए अनुरोधों पर अपना प्रारंभिक जवाब पहले ही दाखिल कर दिया है।

बेंच ने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) मुख्य याचिका पर विस्तृत जवाब दाखिल करें। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार अपने जवाब की प्रति पहले से ही याचिकाकर्ताओं के वकीलों को उपलब्ध कराए, ताकि वे आवश्यकता पड़ने पर जल्द ही अपना प्रत्युत्तर दाखिल कर सकें।

‘ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन अधिनियम, 2025’ देश का पहला केंद्रीय कानून है, जो ऑनलाइन जुए से जुड़े गेम्स पर प्रतिबंध लगाता है। इस कानून को दिल्ली, कर्नाटक और मध्य प्रदेश हाईकोर्टों में चुनौती दी गई थी। वरिष्ठ वकील सीए सुंदरम ने कोर्ट को बताया कि इस कानून के चलते यह पूरा व्यवसाय एक महीने से अधिक समय से बंद पड़ा है। सुनवाई के दौरान एक अन्य वकील ने कहा कि इस मामले में एक नई याचिका दायर की गई है, लेकिन उसे सूचीबद्ध नहीं किया गया है।

अब इस मामले की सुनवाई  26 नवंबर को निर्धारित की गई है। सुनवाई के दौरान सुंदरम ने कहा, “मैं एक शतरंज खिलाड़ी हूं और यह मेरा पेशा है। मैं एक ऐप लॉन्च करने की तैयारी में था।” इस पर जस्टिस पारदीवाला ने टिप्पणी की, “भारत एक अनोखा देश है — आप खिलाड़ी हैं, खेलना चाहते हैं, यही आपका आजीविका का साधन है, इसलिए आप इस कार्यवाही का हिस्सा बनना चाहते हैं।”

वकील ने बताया कि याचिकाकर्ता ऑनलाइन प्रतियोगिताओं में भाग लेते हैं और इसके लिए एंट्री फीस भी अदा करते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि उनकी याचिका को भी अन्य लंबित याचिकाओं के साथ जोड़ा जाए।

सुप्रीम कोर्ट वर्तमान में ऑनलाइन गेमिंग कानून को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई कर रहा है। इसके साथ ही, केंद्र सरकार से ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी करने वाले प्लेटफ़ॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली एक अन्य याचिका की सुनवाई भी 26 नवंबर को तय की गई है। सोमवार को शीर्ष अदालत ने ‘जवाबदेही और प्रणालीगत परिवर्तन केंद्र (CASC)’ तथा शौर्य तिवारी द्वारा दायर याचिका पर भी केंद्र सरकार से जवाब मांगा था।

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