‘रिमोट वोटिंग’ पर निर्वाचन आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होगी भाजपा
आयोग की यह पहल अगर कामयाब रहती है तो प्रवासी मतदाताओं को मतदान के लिए अपने गृह/ राज्य जाने की जरूरत नहीं होगी और वे जहां हैं, वहीं से मतदान कर सकेंगे।
New Delhi : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ (आरवीएम) के शुरुआती मॉडल के प्रदर्शन के सिलसिले में निर्वाचन आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल होगी।
निर्वाचन आयोग से जुड़े कामकाज के लिए गठित, भाजपा के निर्वाचन आयोग विभाग के प्रमुख सदस्य ओम पाठक ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा, ‘‘हम जा रहे हैं और पार्टी की तरफ से इसमें भागीदारी करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को मजबूत करने, इसे और अधिक समावेशी बनाने तथा घरेलू प्रवासियों के वोट के अधिकार की रक्षा के लिए निर्वाचन आयोग ने जो कदम उठाया है, वह स्वागत योग्य है।
पाठक ने कहा, ‘‘लेकिन यह कैसे होगा, कब होगा और इसकी क्या प्रक्रिया होगी, यह चर्चा का विषय है। आयोग द्वारा बुलाई गई बैठक में हम जाएंगे। आयोग की ओर से किए जा रहे प्रदर्शन को देखने के बाद पार्टी इस बारे में अपना रुख स्पष्ट करेगी।’’
प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस द्वारा निर्वाचन आयोग की इस कवायद पर सवाल उठाए जाने के बारे में भाजपा नेता ने कहा कि उन्हें इस बारे में कुछ नहीं कहना है क्योंकि यह उनकी समस्या है।
उन्होंने कहा, ‘‘उनकी मर्जी है। वे जो चाहें, करें। हमारा निर्वाचन आयोग के कार्यकलापों और उसके द्वारा किए जा रहे चीजों के प्रबंधन में पूरा विश्वास है। हम चाहें हारे या जीतें, यह निर्वाचन आयोग की वजह से नहीं होता है। यह हमारी अपनी वजह से होता है।’’
कांग्रेस ने आयोग की इस कवायद पर सवाल उठाते हुए दावा किया था कि इससे चुनाव प्रणाली में विश्वास कमतर होगा।
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने एक बयान में यह भी कहा कि निर्वाचन आयोग को सभी राजनीतिक दलों को साथ लेकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चुनाव प्रणाली में पूरी पारदर्शिता के साथ विश्वास बहाल हो।
निर्वाचन आयोग ने चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने के मकसद से गत बृहस्पतिवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए कहा कि उसने घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए ‘रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन’ का एक शुरुआती मॉडल तैयार किया है और इसके प्रदर्शन के लिए राजनीतिक दलों को 16 जनवरी को आमंत्रित किया गया है।
आयोग की यह पहल अगर कामयाब रहती है तो प्रवासी मतदाताओं को मतदान के लिए अपने गृह राज्य/नगर जाने की जरूरत नहीं होगी और वे जहां हैं, वहीं से मतदान कर सकेंगे।
निर्वाचन आयोग ने कहा कि उसने मान्यताप्राप्त सभी आठ राष्ट्रीय दलों और 57 राज्य स्तरीय पार्टियों को शुरुआती मॉडल दिखाने के लिए 16 जनवरी को बुलाया है। इस मौके पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी मौजूद रहेंगे।