रिजर्व बैंक ने NFIR के लिए विधेयक का मसौदा किया तैयार , आसानी से मिलेगा कर्ज
वित्त मंत्री ने अपने पहले बजट भाषण में कहा था कि इससे आसानी से कर्ज देने में मदद मिलेगी, वित्तीय समावेशन बढ़ेगा और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।
New Delhi: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री (एनएफआईआर) गठित करने के लिए एक विधेयक का मसौदा तैयार किया है। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इसका मकसद कर्ज तक पहुंच बढ़ाना और इसे किफायती बनाना है।
उन्होंने कहा कि सितंबर में वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऋण संग्राहक (रिपॉजिटरी) स्थापित करने के प्रस्ताव पर चर्चा की थी।
सेठ ने बजट के बाद पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि रिजर्व बैंक पहले ही विधेयक का मसौदा तैयार कर चुका है, जिसपर अभी विचार किया जा रहा है।
इसका मकसद ऋण से संबंधित जानकारी के लिए एक सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है। एनएफआईआर कर्ज देने वाली एजेंसियों को सही जानकारी उपलब्ध कराएगी। एक राष्ट्रीय वित्तीय सूचना रजिस्ट्री वित्तीय और सहायक जानकारी के केंद्रीय भंडार के रूप में काम करेगी।
वित्त मंत्री ने अपने पहले बजट भाषण में कहा था कि इससे आसानी से कर्ज देने में मदद मिलेगी, वित्तीय समावेशन बढ़ेगा और वित्तीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा। सेठ ने कहा कि ऋण के बारे में जानकारी होने के अलावा, प्रस्तावित एनएफआईआर कर भुगतान, बिजली खपत के रुझान जैसी सहायक जानकारी भी रखेगा।
उन्होंने कहा कि अगर कर्जदाता के पास पर्याप्त जानकारी नहीं है, तो इससे जोखिम पैदा होगा और इस तरह ब्याज दर बढ़ जाएगी। दूसरी ओर, यदि जोखिमों को अच्छी तरह से समझा जाएगा, तो बेहतर कीमत पर कर्ज मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित संस्था ऋणों के उचित मूल्य निर्धारण में मदद करेगी और सभी हितधारकों के लिए जोखिम कम करेगी।