आबकारी नीति मामला: मनीष सिसोदिया को नही मिली राहत, कोर्ट ने रद्द की अंतरिम जमानत
मामले में नियमित जमानत के लिए सिसोदिया की याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।
New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में आप नेता मनीष सिसोदिया को अंतरिम जमानत देने से सोमवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने हालांकि मनीष सिसोदिया को हिरासत में रहने के दौरान एक दिन सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे के बीच अपनी बीमार पत्नी से मिलने की अनुमति दे दी।
दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने अंतरिम जमानत का अनुरोध करते हुए कहा था कि उनकी बीमार पत्नी की देखभाल करने वाला उनके अलावा कोई और नहीं है। मामले में नियमित जमानत के लिए सिसोदिया की याचिका उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है।
इस मामले में नौ मार्च को गिरफ्तार किए गए सिसोदिया अभी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की न्यायिक हिरासत में है। ईडी ने सबूतों के साथ छेड़छाड़ की आशंका जाहिर करते हुए अंतरिम जमानत याचिका का विरोध किया है। ईडी के वकील ने दावा किया कि सिसोदिया की पत्नी चिकित्कसीय स्थिति पिछले 20 साल से ऐसी ही है।
दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे वापस ले लिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी नीति से जुड़े उस मामले में 30 मई को सिसोदिया को जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसकी जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है। अदालत ने कहा था कि उनके खिलाफ लगे आरोप बहुत गंभीर प्रकृति के हैं।