India-Russia Summit: PM मोदी और पुतिन ने मजबूत किया आर्थिक और रणनीतिक रिश्ता, तेल सप्लाई पर पुतिन का भरोसा
पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने शुक्रवार को हैदराबाद हाउस में जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
India-Russia Summit: पीएम मोदी ने भारत और रूस के बीच दोस्ती को ध्रुव तारे की तरह अटल और स्थिर बताया। उन्होंने कहा, "पिछले आठ दशकों में दुनिया ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं और मानवता ने अनेक चुनौतियों और संकटों का सामना किया है। लेकिन इन सबके बीच भारत-रूस की दोस्ती हमेशा अटल और स्थिर रही है।"
पीएम मोदी ने कहा कि दोनों देशों के संबंध हर कसौटी पर खरे उतरे हैं। पीएम ने कहा कि दोनों देशों ने 2030 तक आर्थिक सहयोग की रणनीति बनाई है।
इससे पहले रूसी राष्ट्रपति पुतिन से हैदराबाद हाउस में मुलाकात के दौरान कहा कि भारत न्यूट्रल नहीं है। भारत शांति के पक्ष में है। पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया को एक बार फिर शांति की जरूरत है। भारत शांति की हर कोशिश का समर्थन करता है।
भारत दौरे पर आए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का आज सुबह राष्ट्रपति भवन में 21 तोपों की सलामी से स्वागत हुआ। इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। फिर पुतिन ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पुतिन पहली बार 2000 में भारत आए थे। उसी यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी की मजबूत नींव रखी गई थी।
पीएम मोदी ने कहा कि पुतिन की यात्रा ऐसे समय हो रही है जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक माइलस्टोन से गुजर रही है। उनके राष्ट्रपति रहने के दौरान ही साल 2000 में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी शुरू हुई थी।
'भारत-रूस की दोस्ती ध्रुव तारे की तरह'-PM मोदी
मोदी ने कहा कि 25 साल पहले पुतिन ने पार्टनरशिप की नींव रखी थी। इस बीच मानवता को कई संकट देखने पड़े, लेकिन भारत-रूस दोस्ती ध्रुव तारे की तरह बनी रही। पिछले 25 साल के उन्होंने अपनी लीडरशिप से हमारे संबंध मजबूत किए हैं।
'पुतिन की वजह से रूस-भारत का रिश्ता मजबूत हुआ'-PM मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि साल 2010 में भारत-रूस की साझेदारी को स्पेशल प्रिविलेज्ड स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप का दर्जा दिया गया था। पिछले ढाई दशकों से राष्ट्रपति पुतिन ने अपनी नेतृत्व क्षमता और दूरदर्शिता से इस रिश्ते को मजबूत किया है। हर परिस्थिति में उनकी नेतृत्व क्षमता ने भारत-रूस संबंधों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। मैं अपने दोस्त पुतिन का दिल से आभार व्यक्त करता हूं।
'रूस के साथ विन-विन सहयोग जारी रखेंगे'-PM मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एनर्जी सिक्योरिटी पार्टनरशिप भारत-रूस साझेदारी का एक मजबूत और अहम स्तंभ रही है। सिविल न्यूक्लियर एनर्जी में हमारी दशकों पुरानी साझेदारी ने स्वच्छ ऊर्जा के हमारे साझा लक्ष्यों को हासिल करने में बड़ी भूमिका निभाई है। हम इस ‘विन-विन’ सहयोग को आगे भी जारी रखेंगे।
क्रिटिकल मिनरल्स में हमारा सहयोग दुनिया भर में सुरक्षित और विविध सप्लाई चेन बनाने के लिए बेहद जरूरी है। यह स्वच्छ ऊर्जा, हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग और नई पीढ़ी के उद्योगों में हमारी साझेदारी को मजबूत समर्थन देगा।”
उन्होंने आगे कहा कि जहाज निर्माण (शिपबिल्डिंग) में हमारा गहरा सहयोग ‘मेक इन इंडिया’ को और मजबूत करने की क्षमता रखता है। इससे नौकरी, स्किल्स और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा।
'आतंकवाद के खिलाफ भारत-रूस साथ'- PM मोदी
मोदी ने कहा- भारत और रूस लंबे समय से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। चाहे पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर हुआ कायरतापूर्ण हमला, इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है।
उन्होंने कहा- भारत का यह पक्का विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा हमला है और इसके खिलाफ दुनिया की एकता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। UN, G20, BRICS, SCO और दूसरे मंचों पर भारत और रूस का करीबी सहयोग है। हम इन सभी मंचों पर अपनी बातचीत और सहयोग जारी रखेंगे।
'मोदी के साथ बातचीत मददगार रही'- राष्ट्रपति पुतिन
पुतिन ने कहा- PM मोदी के साथ डिनर पर मेरी बातचीत हमारी स्पेशल और प्रिविलेज्ड स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप के लिए बहुत मददगार रही। PM मोदी और मैंने एक करीबी वर्किंग डायलॉग बनाया है। हम SCO समिट के दौरान मिले थे, और हम खुद रूस-भारत डायलॉग की देखरेख कर रहे हैं
'भारत-रूस में 96% पेमेंट अपनी करेंसी में'- राष्ट्रपति पुतिन
पुतिन ने कहा- प्रधानमंत्री ने हमें उन चुनौतियों की एक लिस्ट दी है जिन पर दोनों सरकारों को ध्यान देना चाहिए और हम उन पर काम करेंगे। उन्होंने कहा कि भारत और यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन के बीच अगर फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) बन जाता है, तो दोनों को फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि दोनों देश धीरे-धीरे अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार की ओर बढ़ रहे हैं, और अभी 96% लेनदेन इसी तरह हो रहा है। ऊर्जा क्षेत्र में हमारी साझेदारी बहुत सफल है। तेल, गैस, कोयला और भारत की ऊर्जा जरूरतों से जुड़ी हर चीज की सप्लाई स्थिर है।
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