Board Exam: पिछली कक्षा के अंकों को ध्यान में रखके तय किये जा सकते हैं 10वीं, 12वीं के नतीजे

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

NCF को आखिरी बार 2005 में संशोधित किया गया था।

Board Exam: 10th, 12th results can be decided keeping in mind the previous class marks

New Delhi: राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) के मसौदे के अनुसार, कक्षा 12वीं के लिए बोर्ड परीक्षाएं दो चरणों (टर्म) में कराई जा सकती हैं और कक्षा 10वीं और 12वीं के अंतिम परिणाम पिछली कक्षा के अंकों को ध्यान में रख कर तय किये जा सकते हैं।

एनसीएफ, जिसे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार तैयार किया जा रहा है में कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए विज्ञान, कला या मानविकी और वाणिज्य स्ट्रीम में विभाजित करने की मौजूदा प्रथा को दूर करने का भी प्रस्ताव किया गया है।

एनसीएफ को आखिरी बार 2005 में संशोधित किया गया था। वर्ष 2009 में कक्षा 10वीं के लिए सतत और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) की शुरुआत की गई थी, लेकिन 2017 में इसे रद्द कर दिया गया और बोर्ड साल के अंत में परीक्षा के पुराने मॉडल को फिर बहार कर दिया था।

कोविड महामारी के दौरान कक्षा 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को भी दो सत्रों में विभाजित किया गया था, लेकिन इस वर्ष महत्वपूर्ण परीक्षाओं के लिए साल के अंत में परीक्षा के पुराने प्रारूप को फिर से शुरू किया गया था। एनसीएफ के मसौदे में 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए दो सत्रों में परीक्षाओं को कराने का प्रस्ताव है।

शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, जो मसौदा अंतिम चरण में है, उसे हितधारकों से प्रतिक्रिया के लिए जल्द ही सार्वजनिक किया जायेगा और नई व्यवस्था 2024 शैक्षणिक सत्र से लागू की जाएगी।

कक्षा नौंवी और 10वीं के लिए संरचना के बारे में बताते हुए एनसीएफ के मसौदे में कहा गया है, ‘‘कक्षा 10वीं को पूरा करने के लिए छात्रों को कक्षा नौंवी और 10वीं के दो वर्षों में कुल आठ-आठ पाठ्यचर्या क्षेत्रों में से प्रत्येक से दो आवश्यक पाठ्यक्रम पूरे करने होंगे।’’ एनसीएफ को चार बार 1975, 1988, 2000 और 2005 में संशोधित किया गया है।