यूजीसी ने किया बड़ा बदलाव, अब असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए PHD जरूरी नहीं
यूजीसी द्वारा जारी नए नियम 1 जुलाई 2023 से लागू हो गए हैं। अब असिस्टेंट प्रोफेसर अभ्यर्थियों के लिए पीएचडी डिग्री की योग्यता वैकल्पिक होगी।
नई दिल्ली: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया को लेकर बड़ा फैसला लिया है. नए फैसले के तहत अब असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को पीएचडी की जरूरत नहीं होगी. यानी यूजीसी ने असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती के लिए पीएचडी की अनिवार्यता खत्म कर दी है. आयोग की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई है, जिसके मुताबिक अब असिस्टेंट प्रोफेसर की सीधी भर्ती के लिए NET, SET, SLATE पास करना होगा.
यूजीसी द्वारा जारी नए नियम 1 जुलाई 2023 से लागू हो गए हैं। अब असिस्टेंट प्रोफेसर अभ्यर्थियों के लिए पीएचडी डिग्री की योग्यता वैकल्पिक होगी। अब उच्च शिक्षा में सहायक प्रोफेसर पदों पर सीधी भर्ती के लिए NET/SET/SLATE उत्तीर्ण करना न्यूनतम आवश्यकता होगी।
यूजीसी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, यूनिर्सिटी ग्रांट कमीशन ने मिनिमम क्वालिफिकेशन फॉर अपॉइंटमेंट ऑफ टीचर्स एंड अदर एकेडमिक स्टाफ रेगुलेशन 2018 में संशोधन किया है.संशोधन के बाद, सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए सहायक प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए NET/SET/SLET न्यूनतम मानदंड होगा।
इन संशोधनों को अब 'विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों और अन्य शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए अन्य मानदंड) (दूसरा संशोधन) रेगुलेशन, 2023' कहलाएगा.
उच्च शिक्षा संस्थानों में सहायक प्रोफेसरों की भर्ती के लिए संशोधित नियमों की जानकारी देते हुए यूजीसी के अध्यक्ष एम. जगदीश कुमार ने कहा कि 1 जुलाई 2023 से पीएच.डी. अब भर्ती के लिए नेट, सेट और स्लेट वैकल्पिक होगा योग्य होना चाहिए. इसके अलावा, देश के विभिन्न राज्यों के विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में प्रवेश के मामले में, उस राज्य की राज्य पात्रता परीक्षा (SAT या SLET) पास करना अनिवार्य होगा।