वोडाफोन आइडिया में सरकार को 33.44 प्रतिशत हिस्सेदारी देने को मंजूरी

Rozanaspokesman

गैजेट्स - ऑटो

सरकार ने कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया के ऊपर 16,133 करोड़ रुपये के बकाया ब्याज को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव को पिछले हफ्ते मंजूरी दी थी।

Government approves 33.44 percent stake in Vodafone Idea

New Delhi: कर्ज में डूबी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने 16,133 करोड़ रुपये मूल्य के इक्विटी शेयर सरकार को आवंटित करने को मंजूरी दे दी है। यह कंपनी में 33.44 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है। कंपनी ने मंगलवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि सरकार को यह हिस्सेदारी बकाया ब्याज के एवज में दी जा रही है। यह ब्याज समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) और स्पेक्ट्रम नीलामी का भुगतान टाले जाने पर लगाया गया है।

वोडाफोन आइडिया ने कहा, ‘‘...कंपनी के निदेशक मंडल ने मंगलवार को हुई बैठक में 10 रुपये अंकित मूल्य के 16,133,198,899 इक्विटी शेयर 10 रुपये प्रति शेयर के भाव पर भारत सरकार के निवेश एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) को आवंटित करने को मंजूरी दी है। ये शेयर 16,133,184,8990 रुपये मूल्य के हैं।’’

सरकार ने कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया के ऊपर 16,133 करोड़ रुपये के बकाया ब्याज को इक्विटी में बदलने के प्रस्ताव को पिछले हफ्ते मंजूरी दी थी। आदित्य बिड़ला समूह की तरफ से कंपनी को चलाने और जरूरी निवेश लाने की पूरी प्रतिबद्धता जताने के बाद यह अनुमति दी गयी है।

कंपनी ने कहा, ‘‘शेयर हस्तांतरण के बाद कंपनी में भारत सरकार की हिस्सेदारी 33.44 प्रतिशत हो जाएगी।’’

इसके साथ ही वोडाफोन आइडिया की चुकता शेयर पूंजी 482,520,327,840 रुपये हो जाएगी। इसमें 10 रुपये अंकित मूल्य के 48,252,032,784 इक्विटी शेयर शामिल हैं।. इससे पहले, वोडाफोन आइडिया ने शेयर हस्तांतरण से सरकार को 33.14 प्रतिशत हिस्सेदारी मिलने का अनुमान जताया था। कंपनी के प्रवर्तकों आदित्य बिड़ला समूह और वोडाफोन समूह के पास क्रमश: 18.07 प्रतिशत और 32.29 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

विश्लेषकों के अनुसार वोडाफोन आइडिया के ऊपर बकाया ब्याज को सरकारी हिस्सेदारी में बदलना दूरसंचार कंपनी के लिये निकट भविष्य में सकारात्मक साबित होगा। कंपनी संभवत: शुल्क दरें भी बढ़ाएगी। इन सबसे उसका कुछ नकदी प्रवाह बढ़ेगा।.

हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि वोडाफोन आइडिया के लिये बुनियादी चुनौती अब भी बरकरार है। कंपनी ने फाइबर, 5जी और अन्य प्रमुख दूरसंचार बुनियादी ढांचे में कम निवेश किया है। इस अंतर को पाटने के लिये कंपनी को 6 से 8 अरब डॉलर निवेश की जरूरत होगी।