1 दिसंबर से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र;वोट चोरी, विदेश नीति औरअन्य मुद्दों पर विपक्ष करेगी सरकार को घेरने की कोशिश
संसद का शीतकालीन सत्र अगले महीने से शुरू होने जा रहा है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी घोषणा की है।
Parliament Winter Session 2025: संसद का शीतकालीन सत्र अगले महीने से शुरू होने जा रहा है। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने इसकी घोषणा की है। उन्होंने बताया कि यह सत्र 1 दिसंबर से शुरू होकर 19 दिसंबर तक चलेगा। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 1-19 दिसंबर तक संसदीय सत्र के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने ने एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए कहा, "हम आशा करते हैं कि यह सत्र रचनात्मक और सार्थक साबित होगा, जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करेगा और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।" (The winter session of Parliament will begin on December 1 news in hindi)
आगामी शीतकालीन सत्र से पहले संसद का मानसून सत्र आयोजित किया गया था, जो 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चला। इस दौरान संसद में कुल 21 बैठकें हुईं। हालांकि, विपक्ष के हंगामों के कारण राज्यसभा और लोकसभा दोनों में कोई विशेष फैसला नहीं लिया जा सका।
मानसून सत्र के दौरान 2 दिन तक ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा हुई, जिसमें 130 से ज्यादा सासंदों ने हिस्सा लिया था। वहीं, लोकसभा में 14 बिल पेश किए गए थे, जिनमें से 12 बिल पास हुए थे। इसके अलावा राज्यसभा में 15 बिलों को मंजूरी मिली थी। इस लिस्ट में आयकर बिल 2025 भी शामिल था, जिसे सरकार ने वापस ले लिया था।
सत्र में हंगामे की संभावना
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद शुरू होने वाले संसद के इस शीतकालीन सत्र में भारी हंगामा होने की संभावना है। विपक्ष सरकार को वोट चोरी, महंगाई, बेरोजगारी और विदेश नीति जैसे मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगा। संभावना जताई जा रही है कि लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सदन में कथित वोट चोरी के मामले को उठाएंगे। राहुल गांधी के साथ अखिलेश यादव और अन्य विपक्षी नेता भी इस मुद्दे पर सदन में अपनी बात रख सकते हैं।
मतदाता सूचियों के गहन पुनरीक्षण को लेकर सत्र में सियासी बहस
उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, गुजरात समेत 12 राज्यों में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR)को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी नेतृत्व वाली सरकार ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया है और टीएमसी इस SIR का तेज विरोध कर रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि इसका प्रभाव संसद के शीतकालीन सत्र में भी दिखाई देगा। टीएमसी के साथ-साथ सपा, कांग्रेस और आरजेडी भी SIR को लेकर सरकार से सवाल कर सकती हैं।
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