आबकारी नीति मामला : दिल्ली उच्च न्यायालय ने दो आरोपियों से ईडी की याचिका पर मांगा जवाब

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

उच्च न्यायालय ने इस मामले को आगे की सुनवाई के लिए जुलाई में सूचीबद्ध किया।

 Delhi High Court seeks response of two accused on ED's plea
Delhi High Court seeks response of two accused on ED's plea

New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में आरोपी दो व्यक्तियों से उनकी जमानत रद्द करने की मांग करने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका के संबंध में बुधवार को जवाब तलब किया।

न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने इस मामले में निचली अदालत के छह मई के आदेश को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका पर कारोबारी राजेश जोशी और गौतम मल्होत्रा को नोटिस जारी किया। उच्च न्यायालय ने कहा कि निचली अदालत के न्यायाधीश द्वारा जमानत आदेश में की गई टिप्पणियों पर अन्य सह-अभियुक्तों या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा भरोसा नहीं किया जाना चाहिए।

ईडी का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि निचली अदालत ने एक मई को इस मामले में दायर आरोपपत्र का संज्ञान लिया था, यह देखते हुए कि प्रथम दृष्टया मामला बनता है। हालांकि, छह मई को निचली अदालत ने दोनों आरोपियों को यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि कोई अपराध नहीं बनता है।

अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने कहा, ‘‘ इसलिए दोनों आदेशों में विरोधाभास है। निचली अदालत ने इस मामले की संक्षिप्त सुनवाई की, जो इस स्तर पर नहीं किया जा सकता था। निचली अदालत का जमानत आदेश गलत था क्योंकि यह अप्रत्यक्ष रूप से अपने ही एक मई के आदेश की समीक्षा करता है।’’

एएसजी ने कहा कि निचली अदालत ने गलत निष्कर्ष दिया है कि इस मामले की जांच अभी भी लंबित है और दोनों आरोपी व्यक्ति जमानत के हकदार हैं। उच्च न्यायालय ने इस मामले को आगे की सुनवाई के लिए जुलाई में सूचीबद्ध किया।

निचली अदालत ने गौतम मल्होत्रा ​​और राजेश जोशी को यह कहते हुए जमानत दे दी थी कि उनके खिलाफ मामले को प्रथम दृष्टया सही माने जाने के लिए सबूत पर्याप्त नहीं थे।

निचली अदालत ने यह भी कहा था कि केवल यह आशंका कि आरोपी फिर से अपराध कर सकता है, जमानत का विरोध करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा। दिल्ली की इसी निचली अदालत ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित धनशोधन के एक मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका 28 अप्रैल को खारिज कर दी और कहा कि साक्ष्य प्रथम दृष्टया ‘‘अपराध में किस हद तक उनकी संलिप्तता है, इस ओर इशारा करते हैं।’’

ईडी दिल्ली सरकार की अब रद्द की जा चुकी शराब नीति के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की जांच कर रहा है। धनशोधन का यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी पर आधारित है।

सीबीआई और ईडी के अनुसार, आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिया गया। दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर, 2021 को यह आबकारी नीति लागू की थी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया था।