प्रौद्योगिकी विकास ने भ्रष्टाचार का पता लगाने को कठिन बनाया: पी के मिश्रा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

मिश्रा ने कहा कि भ्रष्टाचार सरकार में निष्क्रियता को प्रोत्साहित करता है और आर्थिक अक्षमता को बढ़ावा देता है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा...

Technology development has made corruption difficult to detect: PK Mishra

 Delhi : प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पी के मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि प्रौद्योगिकी विकास भ्रष्टाचार रोकने का अवसर तो देता है, लेकिन यह विशेषकर क्रिप्टोकरेंसी जैसे क्षेत्रों में इसका (भ्रष्टाचार) का पता लगाना भी कठिन बनाता है ।

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर आयोजित अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक दिवस-2022 कार्यक्रम में अपने संबोधन में मिश्रा ने कहा कि भ्रष्टाचार का दुष्प्रभाव खासकर आम नागरिकों पर अधिक पड़ता है, लेकिन इसका दुष्प्रभाव समाज में गरीबों और वंचितों पर और ज्यादा पड़ता है।  मिश्रा ने कहा कि भ्रष्टाचार सरकार में निष्क्रियता को प्रोत्साहित करता है और आर्थिक अक्षमता को बढ़ावा देता है और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।

वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत में उदारीकरण के बाद से भ्रष्टाचार की प्रकृति बहुत जटिल हो गई है।

उन्होंने संबोधन के दौरान कहा कि प्रौद्योगिकी विकास से भ्रष्टाचार रोकने के अवसर मिले हैं, लेकिन इसके कारण कई क्षेत्रों खासकर क्रिप्टोकरेंसी जैसे क्षेत्र में भ्रष्टाचार का पता लगाना बहुत कठिन हो गया है । मिश्रा ने कहा कि भ्रष्टाचार बड़ा या छोटा हो, वह किसी न किसी के अधिकारों को प्रभावित करता है। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में सभी देशों को एकजुट होकर चलने की जरूरत पर बल दिया।

इस अवसर पर मिश्रा ने सीबीआई के 34 अधिकारियों को सराहनीय सेवा के लिए पुलिस मेडल प्रदान किया।