Delhi Pollution News : दिल्ली में दिखा साफ-नीला आसमान, वायु गुणवत्ता में आया और सुधार

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

शहर में 28 अक्टूबर के बाद से वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ में दर्ज की गई है।

Clear blue sky seen in Delhi, air quality further improved

Delhi Pollution News : राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह हल्की धूप खिलने के साथ ही साफ-नीला आसमान दिखा और लोगों को पिछले दो सप्ताह से जारी दमघोंटू धुंध से राहत मिली। शहर में शनिवार सुबह सात बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 219 दर्ज किया गया, जो बृहस्पतिवार के पिछले 24 घंटे के औसत एक्यूआई 437 से काफी बेहतर है।

दिल्ली के मौसम में यह उल्लेखनीय सुधार पिछले 30 से 32 घंटों में रुक-रुककर हुई बारिश और प्रदूषकों को तितर-बितर करने वाली हवा की अनुकूल गति के कारण हुआ है। शहर में 28 अक्टूबर के बाद से वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ में दर्ज की गई है। पड़ोसी शहर गुरुग्राम में एक्यूआई 181, गाजियाबाद में 157, ग्रेटर नोएडा में 131, नोएडा में 148 और फरीदाबाद में 174 दर्ज किया गया, जो वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार को दर्शाता है।

एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है। आईएमडी ने हल्की बारिश समेत मौसम संबंधी अनुकूल परिस्थितियों के कारण दीपावली से पहले वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार होने का अनुमान जताया था। अधिकारियों ने कहा था कि पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव के कारण हवा की दिशा उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की तरफ बदलने से, भारत के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में पराली जलाए जाने से निकलने वाले धुएं के कारण होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी।

आईएमडी के अधिकारी ने पूर्व में कहा था कि पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद हवा की गति 11 नवंबर को लगभग 15 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाएगी, जिससे दीपावली (12 नवंबर) से पहले प्रदूषक तत्वों के तितर-बितर होने की संभावना है।

दिल्ली में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने वाले ‘डिसीजन सपोर्ट सिस्टम’ के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में बुधवार को 38 प्रतिशत प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब और हरियाणा में पराली जलाए जाने से निकला धुआं जिम्मेदार था। शहर में प्रदूषण के स्तर में पराली जलाने की घटनाओं का योगदान बृहस्पतिवार को 33 प्रतिशत, जबकि शुक्रवार को 17 प्रतिशत रहा था। आंकड़ों में परिवहन को भी वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बताया गया है, जो दिल्ली की बिगड़ती आबोहवा में 12 से 14 प्रतिशत का योगदान दे रहा है।

भारतीय कृषि अनुसंधान संगठन के प्रधान वैज्ञानिक विनय कुमार सहगल ने अनुमान जताया है कि बारिश के कारण अगले दो-तीन दिन पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं कम होंगी। दिल्ली सरकार शहर में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर से निपटने के लिए 20 या 21 नवंबर को कृत्रिम बारिश कराने की योजना बना रही है।

सरकार ने सभी विद्यालयों में दिसंबर में होने वाली छुट्टियों का समय बुधवार को बदल दिया और अब शीतकालीन अवकाश नौ नवंबर से 18 नवंबर तक रहेगा।दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार ने सम-विषम योजना फिलहाल स्थगित कर दी है, क्योंकि वर्षा के कारण शहर की वायु गुणवत्ता बहुत सुधर गई है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता की समीक्षा करेगी और फिर यदि प्रदूषण स्तर बहुत बढ़ जाता है, तो सम-विषम योजना पर निर्णय लिया जा सकता है।

राय ने पहले कहा था कि शीर्ष अदालत द्वारा सम-विषम कार योजना की प्रभावशीलता की समीक्षा करने और आदेश जारी करने के बाद शहर में यह योजना लागू की जाएगी। मंगलवार को शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार की सम-विषम योजना की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया था और इसे ‘दिखावा’ बताया था। डॉक्टरों ने कहा है कि दिल्ली की प्रदूषित हवा में सांस लेना प्रतिदिन 10 सिगरेट पीने के हानिकारक दुष्प्राव के बराबर है। (PTI)