मोदी सरकार के नौ वर्षों पर भाजपा ने कहा- 2014 के बाद का दौर सांस्कृतिक कायाकल्प का युग
यह कोई संयोग नहीं है कि जब यह सरकार सत्ता में है तब एक भव्य राममंदिर का निर्माण किया जा रहा है।-भाजपा
New Delhi: भाजपा ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में सत्ता संभालने के बाद की अवधि को "सांस्कृतिक कायाकल्प" का युग बताया और स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को प्रमुखता देने से लेकर अयोध्या में राममंदिर निर्माण तक के कई प्रयासों को रेखांकित किया।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संवाददाताओं को बताया कि भारत से चोरी की गई 231 मूर्तियों को 2014 के बाद से विभिन्न देशों से वापस लाया गया है, जबकि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद और करीब नौ साल पहले भाजपा सरकार के सत्ता में आने से पहले की अवधि में, केवल 13 मूर्तियों का ही पता चल पाया था। मेघवाल संस्कृति मंत्रालय में कनिष्ठ मंत्री हैं। उन्होंने कहा कि इससे सरकार के काम की गति और पैमाने का पता चलता है।
राजस्थान के दलित नेता मेघवाल ने केंद्र की पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों पर सरदार वल्लभभाई पटेल और बी आर आंबेडकर जैसे वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया और कहा कि मोदी सरकार ने भारत के पहले गृहमंत्री को अमर बनाने के लिए ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ का निर्माण किया और भारतीय संविधान के वास्तुकार से जुड़े 'पंचतीर्थ' को विकसित किया।
उन्होंने कहा कि यह कोई संयोग नहीं है कि जब यह सरकार सत्ता में है तब एक भव्य राममंदिर का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने इस संदर्भ में काशी-विश्वनाथ गलियारा और उज्जैन में महाकाल गलियारे का विकास, करतारपुर साहिब गलियारे की शुरुआत और गुरु नानक एवं गुरु गोबिंद सिंह की क्रमश: 550वीं और 350वीं जयंती मनाये जाने का उल्लेख किया। उन्होंने 2014-2023 की अवधि पर कहा, ‘‘हम इसे सांस्कृतिक कायाकल्प का युग कह सकते हैं।’’
उन्होंने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि 1968 तक इंडिया गेट में एक छतरी के नीचे अंग्रेज राजा जॉर्ज पंचम की प्रतिमा रखी गई थी। उन्होंने कहा कि लगातार मांग पर प्रतिमा तो हटा दी गई लेकिन छतरी वहीं रही जो लोगों को अंग्रेज राजा की याद दिलाती थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने वहां पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगाई।
उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान विभिन्न धार्मिक सर्किट भी विकसित किए गए। एक सवाल के जवाब में मेघवाल ने नये संसद भवन के उद्घाटन के दौरान हुए ‘राजदंड’ विवाद को लेकर कांग्रेस पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले दावा किया कि पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को इस तरह का राजदंड सौंपने के लिए कोई समारोह आयोजित नहीं किया गया था। उन्होंने दावा किया कि कुछ विपक्षी नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि समारोह ने ब्राह्मणवाद को प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि दोनों दावे बाद में गलत पाए गए। उन्होंने कहा कि समारोह से जुड़े 'अधीनम' ब्राह्मण नहीं थे। भाजपा नेता मेघवाल ने कहा कि राहुल गांधी ने दावा किया था कि समारोह राज्याभिषेक का प्रतीक था, जबकि ‘राजदंड’ वास्तव में एक सरकार के लिए कर्तव्यों की भावना को रेखांकित करता है।