टापर से टेरर तक: यूपी की डॉक्टर शाहीन कैसे बनी जैश-ए-मोहम्मद की इंडिया विंग की चीफ? जानें दहशत की पूरी कहानी
शाहीन शाहिद को इस संगठन के इंडिया विंग का प्रमुख बनाया गया था।
Who is Dr Shaheen? Latest News in Hindi: दिल्ली बम धमाके से जुड़े उस टेरर मॉड्यूल में एक नाम डॉक्टर शाहीन शाहिद का भी सामने आया है, जिसे पुलिस ने फरीदाबाद से गिरफ्तार किया है। जांच में खुलासा हुआ है कि डॉक्टर शाहीन का संबंध जैश-ए-मोहम्मद के महिला टेरर विंग जैश उल मोमिनात से है। शाहीन शाहिद को इस संगठन के इंडिया विंग का प्रमुख बनाया गया था और उन्हें भारत में महिलाओं का ब्रेनवॉश कर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल कराने की जिम्मेदारी दी गई थी। जैश उल मोमिनात गुट की प्रमुख सादिया अहर हैं, जो जैश के सरगना मसूद अजहर की बहन हैं। (How did Uttar Pradesh doctor Shaheen become the chief of Jaish-e-Mohammed's India wing? news in hindi)
जैश के वाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी डॉ. शाहीन सईद मानी जा रही हैं। उनकी मौजूदगी और गतिविधियों ने खुफिया एजेंसियों को भी चौकन्ना कर दिया है। डॉ. शाहीन सरगना मौलाना मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर के सीधे संपर्क में थीं और आतंकवादी संगठन की महिला विंग जमात उल मोमिनात से जुड़ी थीं। इस विंग की स्थापना सादिया ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद अक्टूबर 2025 में की थी। सादिया का पति यूसुफ अहमद ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया था, और पति की मौत का बदला लेने के उद्देश्य से उन्होंने यह महिला विंग बनाई।
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने डॉ. शाहीन को फरीदाबाद स्थित अलफालाह यूनिवर्सिटी से पकड़कर श्रीनगर लाया, जहां उनकी कानूनी गिरफ्तारी हुई।
डॉ. शाहीन ने इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस (1996-2001 बैच) और फार्मकोलॉजी में एमडी किया है। वह 2006 से 2013 तक कानपुर मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहीं, और उनका चयन यूपीपीएससी के माध्यम से हुआ था। इसके बाद अचानक वह गायब हो गईं। कॉलेज द्वारा भेजे गए नोटिसों का जवाब न देने के कारण उन्हें 2021 में बर्खास्त कर दिया गया।
डॉ. शाहीन की डॉ. जफर के साथ शादी भी ज्यादा समय तक टिक नहीं सकी और तलाक हो गया। इसके बाद उन्होंने अलफलाह यूनिवर्सिटी में काम शुरू किया, और इसी दौरान डॉ. मुजम्मिल के संपर्क में आईं।
जैसे ही ये सारी जानकारियां सामने आईं, अलफलाह यूनिवर्सिटी का नाम चर्चा में आया। विश्वविद्यालय की लेबोरेटरी की भी जांच की जा रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं यहाँ विस्फोटक तैयार तो नहीं किए जा रहे थे या कहीं से कोई कनेक्शन निकल रहा है।
जांच में लैब अधिकारियों का ध्यान इसी एंगल पर है, क्योंकि अब तक अलग-अलग आतंकी अड्डों से अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया है। अमोनियम नाइट्रेट आमतौर पर एक ऑक्सीडाइज़र के रूप में इस्तेमाल होता है, यानी इसका काम किसी तैयार विस्फोटक को ऑक्सीजन प्रदान करना होता है।
मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार किए गए चार में से तीन आरोपी डॉक्टर्स कश्मीरी हैं. एक महिला डॉक्टर का ताल्लुक लखनऊ से है. जानें ब्लास्ट से जुड़े इन संदिग्धों के बारे में-
डॉ. उमर उल नबी
डॉक्टर उमर उल नबी पुलवामा का है. वह फरीदाबाद की अलफला यूनिवर्सिटी में काम करता है. उमर अल नबी दो भाई हिरासत में हैं. उसकी मां को डीएनए टेस्ट किया गया है. धमाके वाली रात उमर को कार चलाते हुए देखा गया था. वह कार डॉ. उमर ने ही खरीदी थी, लेकिन कार के डिटेल्स तारिक मलिक नाम के शख्स के दिए गए थे.
डॉ. आदिल अहमद
डॉ. आदिल अहमद राठर सहरानपुर में डॉक्टर है. वह रहने वाला कशमीर के काजीगोड अनंतनाग का है. आदिल के अनंतनाग जीएमसी मेडिकल कॉलेज के लॉकर से एके 47 मिली थी. हैरान करने वाली बात यह थी कि चार साल बाद भी लॉकर बंद कैसे था?
डॉ. मुजम्मिल शकील
डॉ. मुजम्मिल शकील फरीदाबाद के अलफला मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाता था. वह कुयल पुलवामा का रहने वाला है. पुलिस मुजम्मिल के साथ उसके भाई को भी लेकर गई है. मुजम्मिल के किराये के कमरे से 360 किलो विस्फोटक, राइफल और मैगजीन बरामद हुई थीं.
डॉ. शाहीन शाहिद
डॉ. शाहीन एक महिला डॉक्टर है, जो मुजम्मिल से जुड़ी थी. पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार किया है. सोमवार को सामने आया था कि लेडी डॉक्टर की कार से कुछ हथियार बरामद हुए थे. यह कार्रवाई मुजम्मिल की निशानदेही पर की गई थी.
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