Delhi Air Pollution News:दिल्ली की हवा खतरनाक! SC ने पंजाब-हरियाणा सरकारों से मांगा जवाब

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा और पंजाब सरकारों से पराली जलाने पर उठाए कदमों का डेटा मांगा है।

Delhi's air is dangerous, SC seeks response from Punjab and Haryana governments news in hindi

New Delhi: बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच, सुप्रीम कोर्ट (SC) ने हरियाणा और पंजाब सरकारों से अपने राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए उठाए गए कदमों का डेटा मांगा है। दोनों राज्यों के वकीलों को एक सप्ताह के अंदर यह डेटा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। एमिकस क्यूरी ने कोर्ट को बताया कि वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों का डेटा या तो अपलोड नहीं किया जा रहा है या गलत डेटा अपलोड किया जा रहा है, जिससे वास्तविक स्थिति का सही आंकलन करना मुश्किल हो रहा है। (Delhi's air is dangerous, SC seeks response from Punjab and Haryana governments news in hindi) 

एमिकस क्यूरी ने कहा कि दिल्ली की हवा खतरनाक श्रेणी में पहुँच चुकी है और इस मामले की तुरंत सुनवाई की आवश्यकता है। मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने कहा कि इस मामले की सुनवाई सोमवार को की जाएगी। इसी बीच, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने पराली जलाने पर नियंत्रण में कमी के लिए फतेहाबाद के उपायुक्त (DC) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

CAQM ने इस सीज़न में पराली जलाने की घटनाओं को कंट्रोल करने में जिले की खराब स्थिति के कारण उपायुक्त विवेक भारती को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. आयोग ने 17 नवंबर, 2025 की शाम 5:00 बजे तक लिखित स्पष्टीकरण मांगा है. जवाब नही मिलने पर वायु गुणवत्ता प्रबंधन अधिनियम की धारा 14 के तहत सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का नोटिस

आंकड़ों में लापरवाही और सख्ती न बरतने पर चेतावनी देते हुए CAQM ने फतेहाबाद में पराली जलाने की घटनाओं में ‘महत्वपूर्ण तेजी’ पर चिंता जताई। आयोग ने बताया कि 1 से 9 नवंबर के बीच खेतों में आग लगने की घटनाओं में तेजी देखी गई, जबकि 15 सितंबर से 9 नवंबर तक कुल 59 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से केवल 8 और 9 नवंबर को ही 28 मामले दर्ज हुए।

CAQM ने बताया कि हरियाणा में इस साल खेतों में आग लगने की 206 घटनाएं दर्ज की गईं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 888 थी। आयोग ने इसे केवल ‘मामूली सुधार’ बताया। आयोग ने मई 9, 2025 के वैधानिक निर्देश संख्या 90 का भी जिक्र किया, जिसमें पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश को 2025 की कटाई के मौसम के दौरान पराली जलाने को पूरी तरह समाप्त करने का निर्देश दिया गया था।

CAQM का चेतावनी नोटिस
कड़े जुर्माने और निर्देशों की अनदेखी के मामले में नोटिस में अधिनियम की धारा 14(1) का हवाला दिया गया है, जिसके अनुसार आयोग के आदेशों का पालन न करने पर पांच साल तक की जेल, या ₹1 करोड़ तक का जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।

CAQM ने कहा कि फतेहाबाद जिले में ऑन-ग्राउंड प्रवर्तन में पर्याप्त कमी दिखाई दी है। आयोग ने चेतावनी दी है कि यदि उपायुक्त (DC) निर्धारित समय तक स्पष्टीकरण नहीं देते हैं, तो अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।

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