संपत्ति को आधार से जोड़ने की याचिका पर अदालत ने केंद्र से जवाब मांगा

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

याचिका में कहा गया है, "अगर सरकार संपत्ति को आधार से जोड़ती है, तो इससे वार्षिक प्रगति में दो प्रतिशत की वृद्धि होगी।

Court seeks Centre's response on plea to link assets with Aadhaar

 New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को केन्द्र से उस याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा जिसमें भ्रष्टाचार, काले धन के सृजन और 'बेनामी' लेन-देन पर अंकुश लगाने के लिए लोगों की चल-अचल संपत्ति के दस्तावेजों को आधार संख्या से जोड़ने की मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने वित्त, कानून, आवास और शहरी मामलों तथा ग्रामीण विकास मंत्रालयों को याचिका पर जवाब दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया।

पीठ ने मौखिक रूप से कहा, "यह एक अच्छा मामला है और जवाब आने दें।" इसने कहा कि मामले में आगे की सुनवाई 18 जुलाई को होगी।

सुनवाई के दौरान, केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे केंद्र सरकार के स्थायी अधिवक्ता मनीष मोहन के साथ अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने इस मुद्दे को महत्वपूर्ण बताया।

याचिकाकर्ता एवं वकील अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि यह राज्य का कर्तव्य है कि वह भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए उचित कदम उठाए और अवैध तरीकों से अर्जित 'बेनामी' संपत्तियों को जब्त करे ताकि यह संदेश दिया जा सके कि सरकार भ्रष्टाचार और काले धन के सृजन से लड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

याचिका में कहा गया है, "अगर सरकार संपत्ति को आधार से जोड़ती है, तो इससे वार्षिक प्रगति में दो प्रतिशत की वृद्धि होगी। यह चुनाव प्रक्रिया को ठीक करेगी, जिसमें काले धन और बेनामी लेनदेन का प्रभुत्व रहता है।’’

इस मामले में 2019 में दायर एक हलफनामे में दिल्ली सरकार ने कहा था कि आधार को संपत्ति पंजीकरण और भूमि के दाखिल-खारिज के वास्ते पहचान के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जाता है, लेकिन यह केवल एक वैकल्पिक आवश्यकता होती है और कानून में इसे अनिवार्य बनाने का कोई प्रावधान नहीं है।