Delhi News: छात्रों में बढ़ते डायबिटीज लक्षणों और चीनी की खपत को लेकर CBSE करेंगे 'शुगर बोर्ड' स्थापित
अध्ययनों से पता चलता है कि 4 से 10 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए दैनिक कैलोरी सेवन में चीनी का हिस्सा 13 % है
Delhi News In Hindi: सीबीएसई (CBSE) सरकार ने मान्यता प्राप्त स्कूलों को बच्चों में चीनी की खपत की निगरानी और उसे कम करने के लिए 'शुगर बोर्ड' स्थापित करने का आदेश दिया है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने पाया है कि पिछले दशक में बच्चों में टाइप 2 मधुमेह के मामलों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
सीबीएसई (CBSE) ने स्कूल प्रधानाचार्यों को पत्र लिख कर कहा, "यह चिंताजनक विषय है, बच्चों में मुख्य रूप से चीनी की अधिक खपत के कारण है, जो अक्सर स्कूल के वातावरण में चीनी युक्त खाद्य, पेय और अधिक मिठे खाद्य पदार्थों की आसानी से उपलब्धता के कारण होती है।
अत्यधिक चीनी के सेवन से न केवल मधुमेह का खतरा बढ़ता है, बल्कि इसके साथ साथ कई तरह की बिमारियों को भी ये न्यौता देता है, जैसे मोटापा, दंत समस्याएं और अन्य चयापचय संबंधी विकार आदि , जो ज्यादातर बच्चों के दीर्घकालिक स्वास्थ्य और शैक्षणिक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता हैं।"
अध्ययनों से पता चलता है कि 4 से 10 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए दैनिक कैलोरी सेवन में चीनी का हिस्सा 13 % है, तथा 11 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए यह 15% , जो अनुशंसित सीमा 5 %से काफी अधिक है।
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