Delhi News: पांच करोड़ तक के फेमा मामले जुर्माना देकर खत्म हो सकते हैं
गंभीर आरोपों के मामले में फेमा उल्लंघन के मामले में आरबीआई जुर्माना लगाकर मामले को निपटाने से इनकार भी कर सकता है।
Delhi News In Hindi: कारोबार करने में आसानी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पांच करोड़ रुपये तक के विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) उल्लंघन के मामलों को माफ कर दिया है।
पहले यह सीमा एक करोड़ रुपये थी। इसे विदेशी मुद्रा में कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। इससे कंपनियां फेमा उल्लंघन मामलों में ईडी की कार्रवाई से बच सकेंगी। 2020 में, आरबीआई ने जुर्माना लगाकर फेमा उल्लंघन से संबंधित मामलों से निपटने के लिए विभिन्न स्तरों के अधिकारियों के लिए सीमा निर्धारित की थी। पिछले हफ्ते सभी स्तरों पर सीमा बढ़ा दी गई थी।
इसके तहत पहले आरबीआई के सहायक महाप्रबंधक दस लाख रुपये तक का जुर्माना लेकर फेमा उल्लंघन का मामला खत्म कर सकते थे, अब इसकी सीमा बढ़ाकर 60 लाख रुपये कर दी गई है। इसी तरह, उप महाप्रबंधक स्तर पर फेमा उल्लंघन की सीमा 40 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 करोड़ रुपये और महाप्रबंधक स्तर पर 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दी गई है। इस सीमा के भीतर, कोई कंपनी या व्यक्ति फेमा उल्लंघन के आरोपों को स्वीकार करने के बाद आरबीआई को जुर्माना देकर मामले को समाप्त करने के लिए आवेदन कर सकता है, लेकिन आवेदन को स्वीकार या अस्वीकार करने का निर्णय आरबीआई के पास रहेगा।
गंभीर आरोपों के मामले में फेमा उल्लंघन के मामले में आरबीआई जुर्माना लगाकर मामले को निपटाने से इनकार भी कर सकता है। आंकड़ों के मुताबिक, 77 प्रतिशत फेमा उल्लंघन एफडीआई से संबंधित हैं और 15 प्रतिशत ओडीआई (ओवरसीज डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट) से संबंधित हैं।
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