New Delhi: यमुना का जलस्तर पहले से हुआ कम, लेकिन अब भी खतरे के निशान से ऊपर
शहर के कई हिस्से एक सप्ताह से जलभराव और बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं।
New Delhi: दिल्ली में यमुना के जलस्तर में सोमवार को बारिश के कारण मामूली बढ़ोतरी के बाद मंगलवार सुबह गिरावट आई, लेकिन यह अब भी खतरे के निशान 205.33 मीटर से ऊपर है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक पंप हाउस में पानी भर जाने के कारण प्रभावित हुए वजीराबाद जल शोधन संयंत्र ने पूर्ण क्षमता से संचालन आरंभ कर दिया है।
केंद्रीय जल आयोग के बाढ़ पर निगरानी रखने वाले पोर्टल के अनुसार, यमुना का जलस्तर सोमवार देर रात 11 बजे 206.01 मीटर था, जो मंगलवार सुबह आठ बजे गिरकर 205.67 हो गया। इसके शाम सात बजे तक और गिरकर 205.41 मीटर होने की संभावना है।
हरियाणा के यमुनानगर में हथिनीकुंड बैराज से जलप्रवाह में पिछले दो दिन में कमी आई है तथा इसमें और कमी होने की उम्मीद है। नदी का जलस्तर पिछले बृहस्पतिवार को 208.66 मीटर के चरम पर पहुंच गया था, जिसके बाद से यह धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन ऊपरी इलाकों में बारिश के कारण जलस्तर में मामूली बढ़ोतरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।.
उफनती यमुना के कारण वजीराबाद में एक पंप हाउस में पानी भर जाने से वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधन संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) का परिचालन बाधित हो गया था, जिससे पानी की आपूर्ति में 25 प्रतिशत की गिरावट आई।
ओखला डब्ल्यूटीपी में शुक्रवार को और चंद्रावल में रविवार को जल शोधन शुरू हो गया था। केजरीवाल ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘वजीराबाद जल शोधन संयंत्र ने पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर दिया है। अब सभी डब्ल्यूटीपी पूर्ण क्षमता से संचालित हो रहे हैं। डीजेबी (दिल्ली जल बोर्ड) ने कड़ी मेहनत की। डीजेबी को धन्यवाद।’’ शहर के कई हिस्से एक सप्ताह से जलभराव और बाढ़ की समस्या से जूझ रहे हैं।
शुरुआत में आठ और नौ जुलाई को बारिश के कारण जलभराव की समस्या पैदा हुई थी। इन मात्र दो दिन में शहर के मासिक बारिश कोटे की 125 प्रतिशत वर्षा हुई थी। इसके बाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा सहित ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण यमुना का जलस्तर रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच गया।
नदी का जल बृहस्पतिवार को 208.66 मीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। इसने सितंबर 1978 में 207.49 मीटर के सबसे अधिक जलस्तर के रिकॉर्ड को तोड़ दिया था।