Woman's accident at metro station: मेट्रो स्टेशन पर हादसे में मरने वाली महिला के परिवार को 15 लाख मुआवजा देगा DMRC
ट्रेन के दरवाजे में साड़ी फंस जाने के कारण रीना प्लेटफॉर्म पर काफी दूर तक घिसटती रहीं, जिससे उन्हें काफी गंभीर चोटें आई थीं।
Woman's accident at metro station: दिल्ली के इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर हुई दुर्घटना में जान गंवाने वाली महिला के परिजनों को दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) 15 लाख रुपये का मुआवजा देगा। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। डीएमआरसी ने एक बयान में यह भी कहा कि वह महिला के दोनों बच्चों की शिक्षा भी सुनिश्चित करेगा। संबंधित घटना 14 दिसंबर को इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन हुई थी, जिसके बाद रीना (35) ने शनिवार को सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया।
ट्रेन के दरवाजे में साड़ी फंस जाने के कारण रीना प्लेटफॉर्म पर काफी दूर तक घिसटती रहीं, जिससे उन्हें काफी गंभीर चोटें आई थीं। महिला के परिवार में सिर्फ 12 साल की बेटी और 10 साल का बेटा है। बयान में कहा गया कि मेट्रो रेलवे (दावा प्रक्रिया) नियम, 2017 के प्रावधानों के अनुसार, मृतका के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसमें कहा गया, ‘‘इसके अलावा, मृतका के बच्चों को मानवीय सहायता के रूप में 10 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि भी प्रदान की जाएगी। चूंकि दोनों बच्चे नाबालिग हैं, इसलिए कानूनी उत्तराधिकारी को राशि सौंपने के लिए डीएमआरसी कानूनी तौर-तरीकों पर गौर कर रहा है।’’
यह भी कहा गया कि डीएमआरसी दोनों बच्चों की शिक्षा भी सुनिश्चित करेगा। केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में पीड़ित परिवार के सदस्यों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
उन्होंने कहा, ‘‘इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर एक दुखद घटना में रीना जी के निधन के बारे में सुनकर बेहद दुख हुआ। डीएमआरसी वित्तीय सहायता प्रदान कर रहा है, मैंने डीएमआरसी के वरिष्ठ अधिकारियों को महिला के बच्चे रिया और हितेन की देखभाल एवं शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश दिया है, जिन्होंने दुर्भाग्य से अपने पिता को पहले ही खो दिया था।’’
पुरी ने कहा, ‘‘मैं उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। भगवान उन्हें उनकी अपूरणीय क्षति को सहन करने की शक्ति दें।’’ दोनों बच्चों ने पहले सावधि जमा के रूप में वित्तीय मुआवजे की मांग की थी। खबरों के मुताबिक, बच्चों के अन्य रिश्तेदारों ने आर्थिक तंगी के कारण उनकी देखभाल करने में असमर्थता जताई है। छठी कक्षा में पढ़ने वाले महिला के बेटे ने कहा कि घटना के समय वह अपनी मां के साथ था।
डीएमआरसी ने वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम भी गठित की है जो सभी आवश्यकताओं को शीघ्रता से पूरा करने के लिए मामले को देखेगी। बयान में कहा गया कि केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह भी निर्देश दिया है कि बच्चों की देखभाल तथा शिक्षा दिल्ली मेट्रो प्रबंधन द्वारा सुनिश्चित की जाए।
मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) इस घटना की जांच कर रहे हैं।कक्षा आठवीं में पढ़ने वाली महिला की बेटी ने पहले कहा था, ‘‘मेरे पिता की मृत्यु लगभग आठ साल पहले हो गई थी और अब मेरी मां की भी मृत्यु हो गई है। हम पूरी तरह से असहाय हो गए हैं और सावधि जमा के रूप में सरकार से वित्तीय मदद चाहते हैं।’’
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को कहा था कि केंद्र शासित प्रदेश सरकार ने डीएमआरसी को पत्र लिखकर महिला की मौत के मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।
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