मोदी सरनेम मामला: राहुल गांधी की याचिका पर 'सुप्रीम कोर्ट' ने गुजरात सरकार को भेजा नोटिस, 10 दिन के अंदर मांगा जवाब
कोर्ट ने 10 दिन के अंदर जवाब देने को भी कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम टिप्पणी से जुड़े मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की. गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है.
कोर्ट ने 10 दिन के अंदर जवाब देने को भी कहा है. इस मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी को भी नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति पी के मिश्रा की पीठ ने राहुल की अर्जी पर सुनवाई करते हुए पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किए। पूर्णेश मोदी ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी जनसभा के दौरान ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई विवादित टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता के खिलाफ वर्ष 2019 में मानहानि का मामला दर्ज कराया था।
'मोदी सरनेम' पर विवादित टिप्पणी के लिए सूरत की एक अदालत ने उन्हें दो साल जेल की सजा सुनाई है.
आपको बता दें कि राहुल गांधी ने 7 जुलाई के गुजरात हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी, जिसमें कोर्ट ने दोषसिद्धि (दो साल की सजा) पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज कर दी थी. राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट से याचिका को 21 जुलाई या 24 जुलाई को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।
अपनी याचिका में राहुल गांधी ने कहा कि अगर हाई कोर्ट के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई तो यह व्यवस्थित रूप से, बार-बार लोकतांत्रिक संस्थानों को कमजोर करेगा और परिणामस्वरूप लोकतंत्र का गला घोंट देगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा। उनकी याचिका में कहा गया है, ''सम्मानपूर्वक यह प्रस्तुत किया जाता है कि यदि दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह बोलने की स्वतंत्रता, स्वतंत्र विचार, स्वतंत्र राय, स्वतंत्र अभिव्यक्ति और बयान देने की आजादी का दम घुट जाएगा।
राहुल को 24 मार्च को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था, जब गुजरात की एक अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ को लेकर की गई विवादित टिप्पणी से जुड़े आपराधिक मानहानि मामले में उन्हें दोषी ठहराते हुए दो साल की कैद की सजा सुनाई थी। राहुल की दोषसिद्धि पर रोक से उनकी लोकसभा सदस्यता की बहाली का मार्ग प्रशस्त हो सकता था, लेकिन उन्हें सत्र अदालत और गुजरात उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली।