500 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा का लक्ष्य हासिल करने में भारत के प्रयास में योगदान देना चाहता है यूएई: अल जाबेर

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

अल जाबेर ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और यह इसे ऊर्जा के सबसे बड़े...

UAE looks forward to contributing to India's efforts to achieve 500 GW of clean energy target: Al Jaber (फोटो साभार PTI)

New Delhi: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के सुल्तान और सीओपी-28 (कोप-28) के मनोनीत अध्यक्ष सुल्तान अल जाबेर ने बुधवार को कहा कि यूएई नई दिल्ली के उच्च वृद्धि-कम कार्बन के लक्ष्य में योगदान देने के लिए भारत के साथ साझेदारी के सभी अवसरों का पता लगाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लक्ष्य पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है।

अल जाबेर ने कहा कि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है और यह इसे ऊर्जा के सबसे बड़े उपभोक्ताओं में से एक बनाता है। इस प्रकार, भारत का सतत विकास न केवल अपने लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा, ‘‘अगले सात साल में 500 गीगावाट स्वच्छ ऊर्जा जोड़ने का भारत का लक्ष्य सही और शक्तिशाली इरादा है। अक्षय ऊर्जा में सबसे बड़े निवेशकों में से एक के रूप में, यूएई और मसदर (नवीकरणीय ऊर्जा निवेश फर्म) भारत के साथ साझेदारी के सभी अवसरों का पता लगाएंगे ताकि इसके उच्च-विकास-कम-कार्बन के लक्ष्य की दिशा में योगदान दिया जा सके।’’

उन्होंने कहा, ‘‘1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को बनाए रखने से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। और, यह भी स्पष्ट है कि हम सामान्य रूप से व्यवसाय जारी नहीं रख सकते।’’ जाबेर संयुक्त अरब अमीरात के जलवायु दूत भी हैं। वह यहां ‘‘द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट’’ द्वारा आयोजित विश्व सतत विकास शिखर सम्मेलन (डब्ल्यूएसडीएस) को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, ‘‘हमें अनुकूलन, शमन, वित्त, नुकसान और क्षति के लिए हमारे दृष्टिकोण में एक सच्चे, व्यापक बदलाव की आवश्यकता है।’’

1.5 डिग्री सेल्सियस के लक्ष्य को बनाए रखने का मतलब है कि ग्लोबल वार्मिंग को पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने और जलवायु परिवर्तन के सबसे खराब प्रभावों को रोकने के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए कार्रवाई करना है।