प्रधानमंत्री शुक्रवार को लचित बरफुकान के 400वें जयंती वर्ष के समापन समारोह को संबोधित करेंगे

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

पीएमओ ने कहा कि लचित बरफुकान ने 1671 में लड़ी गई सरायघाट की लड़ाई में असमिया सैनिकों को प्रेरित किया, जिसकी वजह से मुगलों को करारी और अपमानजनक हार...

PM to address closing ceremony of 400th birth anniversary of Lachit Barphukan on Friday

 New Delhi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल लचित बरफुकान की 400वीं जयंती पर साल भर आयोजित कार्यक्रमों के समापन समारोह को शुक्रवार को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बृहस्पतिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री 25 नवंबर को पूर्वांह्न 11 बजे विज्ञान भवन में आयोजित समापन समारोह को संबोधित करेंगे। लचित बरफुकान की 400वीं जयंती वर्ष समारोह का उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसी साल फरवरी में असम के जोरहाट में किया था।

लचित बरफुकान असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य में एक सेनापति थे। सरायघाट के 1671 के युद्ध में उनके नेतृत्व के लिए उन्हें पहचाना जाता है, जिसमें औरंगजेब के नेतृत्व वाली मुगल सेना का असम पर कब्जा करने का प्रयास विफल कर दिया गया था।

इस विजय की याद में असम में 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है। सरायघाट का युद्ध गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के तटों पर लड़ा गया था।

पीएमओ ने कहा कि लचित बरफुकान ने 1671 में लड़ी गई सरायघाट की लड़ाई में असमिया सैनिकों को प्रेरित किया, जिसकी वजह से मुगलों को करारी और अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा।

उसने कहा, ‘‘लचित बरफुकान और उनकी सेना की ओर से लड़ी गई यह लड़ाई हमारे देश के इतिहास में प्रतिरोध की सबसे प्रेरणादायक सैन्य उपलब्धियों में से एक है।’’.

पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है कि गुमनाम नायकों को उचित तरीके से सम्मानित किया जाए। पीएमओ के मुताबिक इसी के अनुरूप देश 2022 को लचित बरफुकान की 400वीं जयंती वर्ष के रूप में मना रहा है।