Who is CJI Justice Surya Kant? भारत के 53वें CJI बने जस्टिस सूर्यकांत, जानिए हरियाणा के गांव से CJI पद तक का सफर

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

हरियाणा के हिसार में जन्मे, वे इस पद पर पहुंचने वाले राज्य के पहले व्यक्ति हैं।

Justice Surya Kant's journey from a village in Haryana to the post of CJI

Who Is 53rd CJI Justice Surya Kant? Latest News Hindi: जस्टिस सूर्यकांत आज देश के 53वें मुख्य न्यायाधीश (CJI) बन चुके हैं। राष्ट्रपति भवन में उनका भव्य शपथ ग्रहण समारोह देखने को मिला। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जस्टिस सूर्यकांत को शपथ दिलाई। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहे। उन्होनें  पूर्व CJI भूषण आर. गवई की जगह ली है। (Justice Surya Kant’s journey from a village in Haryana to the post of CJI) 

पूर्व CJI बी आर गवई की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 30 अक्टूबर 2025 को अगले CJI के लिए जस्टिस सूर्यकांत के नाम पर मुहर लगा दी थी। अब वो 9 फरवरी 2027 तक इस पद पर आसीन रहेंगे। 

जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट में कई महत्वपूर्ण मामलों की बेंच का हिस्सा रह चुके हैं, जिनमें जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 रद्द करने का फैसला और बिहार में SIR से जुड़े मामलों में चुनाव आयोग को 65 लाख वोटरों की सूची जारी करने का आदेश शामिल है।  वे संवैधानिक और नागरिक मामलों में अपने अनुभव और न्यायिक विवेक के लिए जाने जाते हैं। इससे पहले वे पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में भी जज रह चुके हैं और कानून के क्षेत्र में उनका लंबा और समर्पित करियर रहा है। न्यायपालिका में उनका दृष्टिकोण पारदर्शी, तथ्यपरक और संवैधानिक मूल्यों के प्रति निष्ठावान माना जाता है, जिससे उनका CJI के रूप में कार्यकाल महत्वपूर्ण और प्रभावशाली रहने की संभावना है।

हरियाणा के पहले CJI

जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा से ताल्लुक रखने वाले देश के पहले CJI हैं। वे एक मध्यम वर्गीय परिवार से हैं। उन्होंने 1984 में कानून की पढ़ाई पूरी की। रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की। इसके अलावा, 2011 में उन्होंने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से मास्टर्स की डिग्री भी हासिल की।

जुलाई 2000 में जस्टिस सूर्यकांत हरियाणा के सबसे युवा एडवोकेट जनरल बने और 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में मान्यता मिली। 9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का स्थायी जज नियुक्त किया गया। इसके बाद वे हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और 24 मई 2019 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।

जस्टिस सूर्यकांत के अहम फैसले

1. जस्टिस सूर्यकांत सुप्रीम कोर्ट की बेंच का हिस्सा रहे जिन्होंने जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 को रद्द करने के फैसले में योगदान दिया। इस फैसले ने राज्य की विशेष स्थिति को समाप्त कर भारत के संविधान में बराबरी का दर्जा सुनिश्चित किया।

2.उन्होंने चुनाव आयोग को SIR (Special Summary Revision) के दौरान निकाले गए 65 लाख वोटरों की सूची जारी करने का आदेश दिया। यह निर्णय चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए अहम था।

3. उन्होंने संवैधानिक प्रावधानों और नागरिक अधिकारों से जुड़े कई मामलों में फैसले सुनाए। न्यायपालिका में उनके फैसले सटीक, तथ्यपरक और संविधान के प्रति निष्ठावान माने जाते हैं।

4. 2022 में पंजाब दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक देखने को मिली थी। जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने मामले की जांच के लिए जस्टिस इंदु मल्होत्रा के नेतृत्व में कमेटी गठित की थी।

5.  जस्टिस सूर्यकांत वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना को बरकरार रखने, 1967 के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) मामले और पेगासस स्पाइवेयर मामले समेत कई बड़े मामलों की सुनवाई वाली बेंच का हिस्सा रह चुके हैं।

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