क्यो हैं 26 नवंबर का दिन खास, जाने दिन का पुरा इतिहास
केंद्र सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया था
प्रत्येक वर्ष 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है, इसी दिन भारत के संविधान को अपनाया गया था। आज संविधान को बने 70 साल हो गए हैं। केंद्र सरकार ने 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया था
इसमे बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की मुख्य भूमिका थी बता दें, 26 जनवरी 1950 में भारतीय संविधान लागू किया गया था। जिसके बाद से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के तौर पर मनाया जाता है। हर कोई जानता है कि भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की मुख्य भूमिका थी। उन्हें देश के संविधान निर्माता के तौर पर जाना जाता है लेकिन संविधान को तैयार करने में बाबा साहब की मदद करने वाली महान विभूतियों के बारे में शायद आप न जानते हों। संविधान सभा में 15 महिलाएं भी शामिल थीं। संविधान सभा में कुल 379 सदस्य थे।
70 साल पहले भारतीय संविधान तैयार करने एवं स्वीकारने के बाद से इसमें पूरे 100 संशोधन किए जा चुके हैं। संविधान निर्माता चाहते थे कि इसमें संशोधन आसान हो ताकि जरूरत के मुताबिक इसे ढाला जा सके। बेशक संविधान में मौजूद इस लचीलेपन ने हमें कई अधिकार दिए और देश के कमजोर तबकों को जागरुक और सशक्त बनाया, लेकिन आपातकाल के विवादास्पद प्रावधानों का दौर भी आया।
सबसे विवादास्पद संशोधन:
इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार द्वारा लगाए आपातकाल के दौरान किया गया 42वां संविधान संशोधन भारतीय इतिहास में सबसे विवादास्पद संशोधन था। इसमें सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के कानूनों की वैधता ठहराने संबंधी संवैधानिक अधिकारों में कटौती की गई। संसद को संविधान के किसी भी हिस्से को संशोधित करने का अबाध अधिकार मिल गया।
लोकतांत्रिक अधिकारों की कटौती कर प्रधानमंत्री कार्यालय को अत्यधिक अधिकार मिल गए। देश के प्रति भारतीय नागरिकों के मूलभूत कर्तव्य इसमें बताए गए। राज्यों से और अधिकार लेकर केंद्र को दे दिए गए और इस प्रकार देश के संघीय ढांचे से छेड़छाड़ की गई। इतना ही नहीं संविधान की प्रस्तावना में संप्रभु, समाजवादी, लोकतांत्रिक गणराज्य में धर्मनिरपेक्ष शब्द भी डाल दिया गया। संशोधन इतने व्यापक थे कि इसे ‘इंदिरा संविधान’ तक कहा गया।