PM मोदी ने संविधान दिवस पर देशवासियों को अपनी चिट्ठी में दिया संदेश, कहा 'कर्तव्यों का पालन ही लोकतंत्र की नींव'
पत्र में उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा का भी उल्लेख किया।
PM Modi News: भारत आज संविधान दिवस मना रहा है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए एक विस्तृत पत्र लिखा। प्रधानमंत्री ने नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपने संवैधानिक कर्तव्यों को सर्वोपरि रखें, क्योंकि यही एक मजबूत और जीवंत लोकतंत्र की असली नींव हैं। पत्र में उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा का भी उल्लेख किया और कहा कि एक गरीब परिवार से आने वाले साधारण व्यक्ति का प्रधानमंत्री पद तक पहुंचना केवल भारत के संविधान की शक्ति का प्रमाण है।
पीएम मोदी ने अपनी चिट्ठी में महात्मा गांधी के उस विचार को भी याद किया कि अधिकार, केवल कर्तव्यों के पालन से ही उत्पन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि सामाजिक और आर्थिक प्रगति की नींव नागरिकों द्वारा अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से निर्वहन करने पर टिकी होती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आज लिए गए निर्णय और नीतियां आने वाली पीढ़ियों के जीवन को आकार देंगी, इसलिए नागरिकों को अपने कार्यों को कर्तव्यभाव से करना चाहिए।
अपनी चिट्ठी में प्रधानमंत्री मोदी ने संविधान सभा के सदस्यों, डॉ. राजेंद्र प्रसाद और संविधान निर्माण में ऐतिहासिक योगदान देने वाले बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धापूर्वक याद किया। उन्होंने संविधान सभा की महिला सदस्यों के योगदान की भी सराहना की, जिनके विचारों और दृष्टिकोण ने भारतीय संविधान को और समृद्ध बनाया।
पीएम मोदी ने अपने पत्र में कहा कि इस वर्ष संविधान दिवस कई कारणों से विशेष है। यह वर्ष सरदार पटेल और भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती का है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के नेतृत्व ने भारत के राजनीतिक एकीकरण को संभव बनाया, और इसी प्रेरणा ने सरकार को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का साहस दिया। इसके बाद वहां पूरी तरह से भारतीय संविधान लागू हुआ और लोगों को सभी संवैधानिक अधिकार मिले।
उन्होंने वंदे मातरम के 150 वर्ष और गुरु तेग बहादुर की शहादत के 350 वर्ष पूरे होने को भी ऐतिहासिक महत्व का बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन महान व्यक्तित्वों का जीवन हमें कर्तव्य को सर्वोपरि रखने की प्रेरणा देता है वही कर्तव्य जिसे संविधान के आर्टिकल 51A में स्पष्ट रूप से उल्लिखित किया गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सदी के 25 वर्ष गुजर चुके हैं और अब देश महत्वपूर्ण मोड़ पर है। वर्ष 2047 में भारत आजादी के 100 वर्ष पूरे करेगा, और 2049 में संविधान निर्माण के 100 वर्ष। ऐसे समय में नीतियों और निर्णयों का असर आने वाली पीढ़ियों पर पड़ेगा। इसलिए नागरिकों को चाहिए कि वे कर्तव्यभाव से जीवन जिएं और हर कार्य में देशहित को प्राथमिकता दें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हमारा हर कदम संविधान को मजबूत करने वाला होना चाहिए। हमारे संविधान निर्माताओं ने जो सपने देखे थे, उन्हें साकार करने का दायित्व हम सबका है। जब हम अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करते हैं, तो देश की सामाजिक और आर्थिक प्रगति कई गुना बढ़ जाती है।”
युवा मतदाताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मतदान का अधिकार लोकतंत्र की रीढ़ है, और नागरिकों का कर्तव्य है कि वे हर अवसर पर मतदान करें। उन्होंने अपील की कि 26 नवंबर को स्कूलों और कॉलेजों में नए मतदाताओं के सम्मान समारोह आयोजित किए जाएं, ताकि उन्हें यह महसूस हो कि वे अब राष्ट्र की नीति निर्धारण प्रक्रिया के सक्रिय सहभागी हैं।
अंत में प्रधानमंत्री मोदी ने सभी देशवासियों से आह्वान किया कि संविधान दिवस पर कर्तव्यों के पालन का संकल्प दोहराएं और विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।
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