संविधान दिवस पर संसद में हुआ विशेष समारोह, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 9 भाषाओं में किया संविधान का लोकार्पण
76वें संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम राष्ट्रपति ने संबोधित किया।
Constitution Day: देश आज 76वां संविधान दिवस मना रहा है। इस अवसर पर संविधान सदन के सेंट्रल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की अध्यक्षता में हो रहे इस समारोह में सुबह 11 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसमें उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, कई केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और दोनों सदनों के सांसद शामिल हुए। (President Draupadi Murmu released the Constitution in 9 languages news in hindi)
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुवादित संस्करणों को 9 भाषाओं में जारी किया। इनमें मलयालम, मराठी, नेपाली, पंजाबी, बोडो, कश्मीरी, तेलुगु, ओडिया और असमिया शामिल हैं।
इस पहल के बाद अब भारत का संविधान इन भाषाओं में भी उपलब्ध होगा, जिससे अधिक लोग अपनी मातृभाषा में संविधान को पढ़ और समझ सकेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “संविधान दिवस के इस ऐतिहासिक अवसर पर आप सभी के बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। 26 नवंबर 1949 को इसी केंद्रीय कक्ष में संविधान सभा के सदस्यों ने भारत का संविधान तैयार करने का काम पूरा किया था। इसी दिन ‘हम भारत के लोग’ ने अपने संविधान को अपनाया। स्वतंत्रता मिलने के बाद संविधान सभा ने अंतरिम संसद का काम भी किया। डॉ. भीमराव अंबेडकर, जो ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन थे, हमारे संविधान के मुख्य निर्माताओं में से एक थे।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, “तीन तलाक से जुड़ी सामाजिक बुराई को खत्म करके संसद ने हमारी बहनों और बेटियों के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है। जीएसटी, जो आजादी के बाद सबसे बड़ा टैक्स सुधार है, देश की आर्थिक एकता मजबूत करने के लिए लागू किया गया।
राष्ट्रपति ने बताया कि अनुच्छेद 370 हटाने से देश की राजनीतिक एकता में आ रही बाधा दूर हुई। नारी शक्ति बंधन कानून महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की नई शुरुआत करेगा। इस दौरान उन्होंने संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी।
स्पीकर ने संविधान सभा को किया याद
अपने संबोधन में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने संविधान सभा को स्मरण किया और राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा अन्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि संविधान सभा का यह केंद्रीय कक्ष वह स्थान है, जहां संवाद और विचार-विमर्श के माध्यम से संविधान का प्रारूप तैयार किया गया और जनता की आकांक्षाओं को प्रमुखता दी गई।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “सभी देशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं। इस पावन अवसर पर हम भारत की संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद, हमारे संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के सभी सम्मानित सदस्यों को आदरपूर्वक नमन करते हैं। उनके अद्वितीय ज्ञान, दूरदृष्टि और निरंतर परिश्रम से हमें ऐसा महान संविधान प्राप्त हुआ, जो न्याय, समानता और प्रत्येक नागरिक के सम्मान व गरिमा की गारंटी देता है।
इस अवसर पर उपस्थित हमारी राष्ट्रपति महोदया, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यसभा में सदन के नेता, संसदीय कार्य मंत्री, राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता, लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता, सभी दलों के नेता, सांसदगण और अतिथिगण—आप सभी का इस ऐतिहासिक संविधान सदन में हृदय से स्वागत और अभिनंदन।
दरअसल 26 नवंबर 1949 को भारत का संविधान बनकर तैयार हुआ था। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और दोनों सदनों के सांसद शामिल रहे।
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