'आरएसएस भूमिका को आगे बढ़ाकर संविधान को कमजोर कर रहे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री'-कांग्रेस का आरोप
राहुल गांधी ने कहा कि वह संविधान पर होने वाले प्रत्येक प्रहार के खिलाफ डटकर मुकाबला करेंगे।
Rahul Gnadhi: कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की भूमिका को बढ़ावा देते हुए सुनियोजित तरीके से संविधान के सिद्धांतों, प्रावधानों और प्रक्रियाओं को कमजोर कर रहे हैं। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह संविधान पर होने वाले प्रत्येक प्रहार के खिलाफ डटकर मुकाबला करेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि न्याय, समानता, स्वतंत्रता, परस्पर भाईचारा, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद भारत की पहचान बन चुके हैं, लेकिन आज यह पहचान खतरे में है।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा और आरएसएस का संविधान के प्रति दिखाया गया आदर केवल ढोंग है। संविधान दिवस के अवसर पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि भारत का संविधान केवल एक किताब नहीं है, बल्कि यह देश के हर नागरिक के प्रति किया गया एक पवित्र वादा है। यह वादा है कि चाहे कोई किसी भी धर्म, जाति या क्षेत्र का हो, कोई भी भाषा बोलता हो, गरीब हो या अमीर—सभी को समानता, सम्मान और न्याय मिलेगा।
उन्होंने कहा कि संविधान गरीबों और वंचितों का सुरक्षा कवच है, उनकी शक्ति का स्रोत है और हर नागरिक की आवाज़ को सशक्त बनाता है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने जोर देकर कहा कि जब तक संविधान सुरक्षित रहेगा, हर भारतीय के अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे। राहुल गांधी ने कहा, "आइए हम यह संकल्प लें कि हम संविधान पर किसी भी प्रकार के आक्रमण को सहन नहीं करेंगे। इसकी रक्षा करना मेरा कर्तव्य है, और इस पर होने वाले प्रत्येक प्रहार के सामने मैं सबसे पहले खड़ा रहूँगा।"
उन्होंने कहा, “आप सभी को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद, जय संविधान।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि बाबासाहेब डॉ. आंबेडकर और पंडित नेहरू ने संविधान सभा के साथ मिलकर न केवल संविधान तैयार किया, बल्कि एक ऐसे भारत का निर्माण किया जहां लोकतंत्र सर्वोपरि है। न्याय, समानता, स्वतंत्रता, परस्पर भाईचारा, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद भारत की पहचान बन चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि आज यह पहचान खतरे में है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब संविधान लागू हुआ था, तब आरएसएस जैसे संगठन खुलकर कहते थे कि संविधान पाश्चात्य मूल्यों पर आधारित है और उनका आदर्श मनुस्मृति है। इतिहास यह स्पष्ट करता है कि वे संविधान के विरोधी थे। आज विडंबना यह है कि जो कभी संविधान की तुलना में मनुस्मृति को अधिक महत्व देते थे, सत्ता में आने के बाद मजबूरी और राजनीतिक आवश्यकताओं के चलते उसी संविधान को अपना बताने का प्रयास कर रहे हैं।
(For more news apart from The Prime Minister and the Home Minister are weakening the Constitution by promoting the role of the RSS news in hindi,stay tuned to Rozanaspokesman Hindi)