India's Next CJI: भारत को मिलने वाला है नया मुख्य न्यायाधीश! CJI बीआर गवई ने जस्टिस सूर्यकांत के नाम की सिफारिश की
सीजेआई बीआर गवई ने जस्टिस सूर्यकांत को घोषित किया उत्तराधिकारी
India's New CJI Latest News in Hindi: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई 23 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। सूत्रों के मुताबिक, 14 मई को प्रधान न्यायाधीश का पद संभालने वाले जस्टिस गवई ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति सूर्यकांत का नाम केंद्रीय विधि मंत्रालय को सुझाया है। इसके साथ ही नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। (CJI Gavai recommends appointment of Justice Surya Kant as next CJI news in hindi )
जस्टिस सूर्यकांत होंगे अगले सीजेआई?
जस्टिस सूर्यकांत को 24 मई 2019 को पदोन्नति मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया था। अब सीजेआई गवई ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी नामित किया है। मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद उनका कार्यकाल लगभग एक साल दो महीने से अधिक का होगा। वे 9 फरवरी 2027 को सेवानिवृत्त होंगे, जबकि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष निर्धारित है।
कैसे होती है CJI की नियुक्ति? (How is the CJI appointed?)
परंपरा के अनुसार, कानून मंत्रालय मुख्य न्यायाधीश से उनकी सेवानिवृत्ति से लगभग एक महीने पहले उनके उत्तराधिकारी का नाम मांगता है। इसके बाद वर्तमान चीफ जस्टिस औपचारिक रूप से पद छोड़ने से लगभग 30 दिन पहले, सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज को 'पद धारण करने के लिए उपयुक्त' मानते हुए उनकी सिफारिश करते हैं।
यहां समझिए कि CJI की नियुक्ति कैसे होती है:
वरिष्ठता के आधार पर चयन
सुप्रीम कोर्ट में जो न्यायाधीश सबसे वरिष्ठ (senior-most) होता है, उसे आमतौर पर अगला मुख्य न्यायाधीश बनाया जाता है। यह परंपरा लंबे समय से चली आ रही है और इससे न्यायपालिका की निरंतरता और निष्पक्षता बनी रहती है।
वर्तमान सीजेआई की सिफारिश
जब मौजूदा मुख्य न्यायाधीश सेवानिवृत्ति के करीब होते हैं, तो वे केंद्र सरकार (विधि मंत्रालय) को अपने उत्तराधिकारी के रूप में अगले वरिष्ठतम न्यायाधीश का नाम सुझाते हैं। इस सिफारिश को “Collegium system” का हिस्सा माना जाता है, हालाँकि सीजेआई की नियुक्ति सीधे तौर पर कोलेजियम द्वारा नहीं की जाती, बल्कि सीजेआई की औपचारिक recommendation से प्रक्रिया शुरू होती है।
केंद्र सरकार की मंजूरी
वर्तमान सीजेआई द्वारा भेजी गई सिफारिश मिलने के बाद, केंद्रीय विधि मंत्रालय उस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री के पास भेजता है। प्रधानमंत्री इसे राष्ट्रपति को अनुमोदन (approval) के लिए भेजते हैं।
राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति
अंतिम रूप से, भारत के राष्ट्रपति उस न्यायाधीश को देश का मुख्य न्यायाधीश (CJI) नियुक्त करते हैं। इसके बाद राष्ट्रपति भवन में नए सीजेआई को शपथ दिलाई जाती है।
कार्यकाल और सेवानिवृत्ति
सीजेआई का कार्यकाल तब तक रहता है, जब तक वे 65 वर्ष की आयु पूरी नहीं कर लेते। आम तौर पर, कार्यकाल कुछ महीनों से लेकर एक साल से अधिक का होता है, यह उनकी नियुक्ति की तारीख और उम्र पर निर्भर करता है।
कौन है जस्टिस सूर्यकांत? (Who is Justice Suryakant?)
जस्टिस सूर्यकांत का जन्म 10 फरवरी 1962 को हरियाणा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उन्होंने 1981 में हिसार के गवर्नमेंट पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से स्नातक की डिग्री और 1984 में रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री प्राप्त की। जस्टिस सूर्यकांत के बारे में सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उन्होंने हिसार जिला न्यायालय से वकालत शुरू की और बाद में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत करने के लिए चंडीगढ़ चले गए।
जस्टिस सूर्यकांत 7 जुलाई 2000 को हरियाणा के सबसे कम उम्र के एडवोकेट जनरल बने। मार्च 2001 में उन्हें सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया। 9 जनवरी 2004 को उन्हें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्होंने 5 अक्टूबर 2018 को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला और 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। 12 नवंबर 2024 से वे सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेस कमिटी के अध्यक्ष भी हैं।
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