Delhi University: तमिल और तेलुगु भाषा लेने वाले छात्रों के सामने गंभीर संकट, पढ़ें पूरी खबर

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार छात्रों को अलग-अलग भाषाएं पढ़ने का विकल्प दिया गया है और वे एक अनिवार्य विषय हैं।

Delhi University: Serious crisis in front of students taking Tamil and Telugu languages

New Delhi: दिल्ली विश्वविद्यालय के कई छात्र जिन्होंने पिछले साल बीए प्रोग्राम के पाठ्यक्रम में ‘नॉन मेजर’ विषयों के रूप में तमिल और तेलुगु को चुना था, वे भाषाएं सीखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उनका दावा है कि उन्हें अब भी संबंधित भाषा से जुड़ीं मूल बातें नहीं सिखाई गई हैं।

वेंकटेश्वर कॉलेज और मिरांडा हाउस के प्रथम वर्ष के कुछ छात्र जिन्होंने साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के माध्यम से विश्वविद्यालय में दाखिला लिया था उनका कहना है कि उन्होंने यह सोचकर पाठ्यक्रम चुना था कि उन्हें भाषाएं प्राथमिक स्तर से सिखाई जाएंगी।

उन्होंने कहा कि हालांकि पाठ्यक्रम काफी उच्च स्तर का (एडवांस) है और अब उन्हें डर लग रहा है कि वे आगामी परीक्षाओं में उत्तीर्ण नहीं हो पाएंगे और वे साझा विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी)-यूजी फिर से देने पर विचार कर रहे हैं।

श्री वेंकटेश्वर कॉलेज में बीए प्रोग्राम (राजनीति विज्ञान+तमिल) तथा (राजनीति विज्ञान+तेलुगु) लेने वाले छात्रों ने कॉलेज और विश्वविद्यालय से कई बार उन्हें इनकी बजाय हिंदी या संस्कृत भाषा देने की गुहार लगाई लेकिन उनका अनुरोध स्वीकार नहीं किया गया। विश्वविद्यालय ने अपने जवाब में कहा कि छात्रों को विषय चुनने से पहले पाठ्यक्रम को देखना चाहिए था और चुने गए विकल्पों को बदला नहीं जा सकता।

नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुसार छात्रों को अलग-अलग भाषाएं पढ़ने का विकल्प दिया गया है और वे एक अनिवार्य विषय हैं।

आधुनिक भारतीय भाषाओं के विभाग की एक प्रोफेसर ने बताया कि समस्या केवल तेलुगु तथा तमिल भाषा तक ही सीमित नहीं है। जिन छात्रों ने बंगाली, उड़िया और सिंधी जैसी अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को लिया है, वे भी ऐसी परेशानियों का सामना कर रहे हैं।

नाम उजागर न करने की शर्त पर प्रोफेसर ने कहा, ‘‘ छात्रों को भाषा का मूल भी नहीं पता और उन्हें ‘एडवांस लेवल’ में साहित्य पढ़ाया जा रहा है।’’ उन्होंने इसके लिए विश्वविद्यालय को जिम्मेदार ठहराया क्योंकि इससे कई छात्रों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है।