धनखड़ और डेरेक के बीच तीखी बहस के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
सभापति ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विनय तेंदुलकर सदन से सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
नई दिल्ली - राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन के साथ बहस के बाद शुक्रवार सुबह 11.27 बजे राज्यसभा को दिन भर के लिए स्थगित कर दिया। आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखने के बाद सभापति ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विनय तेंदुलकर सदन से सेवानिवृत्त हो रहे हैं.
इसके बाद सभापति ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 47 नोटिस मिले हैं। नोटिस देने वालों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत विपक्षी दलों के सदस्य भी शामिल हैं। धनखड़ ने कहा कि वह सदन को पहले ही सूचित कर चुके हैं कि उन्होंने मणिपुर मुद्दे पर नियम 176 के तहत 20 जुलाई को मिले नोटिस को स्वीकार कर लिया है और सरकार भी इस पर सहमत है.
उन्होंने सदन से आग्रह किया कि दलगत भावना से ऊपर उठकर काम करें क्योंकि रोज-रोज के हंगामे से गलत संदेश जा रहा है. सभापति ने कहा कि चाहे आखिरी सत्र हो या पिछला सत्र, हर दिन नियम 267 के तहत कई सूचनाएं दी जाती हैं. उन्होंने कहा, "अगर मैं परंपरा को देखूं तो सदन को इस बात की पूरी जानकारी है कि पिछले 23 वर्षों में ऐसे कितने नोटिस स्वीकार किए गए हैं।" नतीजों के बारे में सोचिए, पूरा देश प्रश्नकाल का इंतजार कर रहा है. प्रश्नकाल संसदीय कार्यवाही का हृदय है।
इस पर डेरेक ने टोकते हुए कहा, ''सर, हम सब इसके बारे में जानते हैं.'' धनखड़ ने कहा, ''आप जानते हैं लेकिन आपको मुझे बताने की जरूरत नहीं है. ध्यान से सुनो ध्यान से सुनोगे तो समझ जाओगे. जब डेरेक दोबारा बोले तो धनखड़ ने उन्हें टोकते हुए कहा, ''मिस्टर डेरेक, नाटकों में जाना आपकी आदत बन गई है.
आप हर बार जागते हैं और सोचते हैं कि यह आपका अधिकार है। कम से कम आप उदाहरण देकर नेतृत्व कर सकते हैं। अगर मैं कुछ कह रहा हूं तो आप खड़े हो जाते हैं और ड्रामा करने लगते हैं. क्षमा करें'' सभापति की इस टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए धनखड़ ने मेज पर हाथ मारा और कुछ कहा.
इसी बीच धनखड़ ने इस टिप्पणी पर आपत्ति जताई और मेज पर हाथ मारकर कुछ कहा. इसके बाद धनखड़ ने उनसे टेबल नहीं छूने को कहा. उन्होंने कहा कि यह कोई नाटक नहीं है. इसके बाद विपक्षी दल के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया.
इसी बीच सभापति अपनी सीट पर खड़े हो गये. उन्होंने कहा, ''मैं नेताओं को बुलाऊंगा. मैंने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी. मैं इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता।”