पहलवानों का प्रदर्शन मामला : दिल्ली पुलिस ने पहलवानों के खिलाफ दर्ज की प्राथमिकी, दंगा भड़काने समेत लगाई ये धराएं

Rozanaspokesman

राष्ट्रीय, दिल्ली

पहलवान बोले- "बृजभूषण पर FIR करने में 7 दिन, हमारे ऊपर करने के लिए 7 घंटे भी नहीं."

Demonstration case of wrestlers: Delhi Police registers FIR against wrestlers

New Delhi: दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन को लेकर पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया के साथ-साथ आयोजकों और उनके समर्थकों के खिलाफ दंगा करने तथा सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने के आरोप में रविवार को प्राथमिकी दर्ज की।

इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने उन्हें रविवार को सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश करने के बाद कानून-व्यवस्था के उल्लंघन को लेकर हिरासत में लिया था। पुलिस ने कहा कि जंतर-मंतर पर 109 प्रदर्शनकारियों सहित पूरी दिल्ली में 700 लोगों को हिरासत में लिया गया है।

घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए विनेश फोगाट ने कहा कि दिल्ली पुलिस को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में सात दिन लग गए थे, लेकिन उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने में सात घंटे भी नहीं लगे, जो ‘शांतिपूर्वक’ विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। देश के शीर्ष पहलवानों ने 23 अप्रैल को बृजभूषण को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन फिर से शुरू किया था। प्रदर्शनकारी पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “नई दिल्ली जिले के तहत आने वाले संसद मार्ग थाने में पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया और संगीता फोगाट तथा अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जो आज जंतर-मंतर पर पुलिस के साथ हुई झड़प का हिस्सा थे।”

अधिकारी के मुताबिक, भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवज्ञा), 186 (लोक सेवक के कर्तव्य निर्वहन में बाधा डालना) और 353 (सरकारी कर्मचारी पर हमला या आपराधिक बल का उपयोग) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 352 (गंभीर उकसावे के अलावा हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 147 (दंगा) और 149 (गैरकानूनी रूप से जमा होना) तथा सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा तीन भी प्राथमिकी में शामिल है।

विनेश फोगाट ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस की आलोचना की।

उन्होंने ट्विटर पर कहा, “दिल्ली पुलिस को यौन शोषण करने वाले बृजभूषण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में सात दिन लगते हैं और शांतिपूर्ण आंदोलन करने पर हमारे खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में सात घंटे भी नहीं लगे। क्या इस देश में तानाशाही शुरू हो गई है? सारी दुनिया देख रही है कि सरकार अपने खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव कर रही है। एक नया इतिहास लिखा जा रहा है।”.

पहलवानों को बसों में भरकर अलग-अलग स्थानों पर ले जाने के तुरंत बाद, पुलिस कर्मियों ने जंतर-मंतर पर धरना स्थल को साफ करना शुरू कर दिया तथा पहलवानों के खाट, गद्दे, कूलर, पंखे और तिरपाल को हटा दिया। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हिरासत में ली गई सभी महिला पहलवानों को रिहा कर दिया गया है और पुरुष पहलवानों को भी जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।